Gajkesari Rajyog 2025: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी ग्रह- नक्षत्र एक निश्चित समय में स्थान परिवर्तन करते है। जिसका प्रभाव यूनिवर्स की सभी चीज़ों पर पड़ता है। इसी कड़ी में होली के खास अवसर पर चन्द्रमा और देवताओं के गुरू बृहस्पति की वृषभ राशि में युति से गजकेसरी राजयोग बनने जा रहा है। जो की 3 राशियों के लिए बेहद खास है। तो चलिए जानते है कौन सी है वो खास राशियां।
ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को सबसे तेज गति से चलने वाला ग्रह माना जाता हैं, क्योंकि चंद्रमा हर ढाई दिन में राशि परिवर्तन करते हैं, ऐसे में वे किसी न किसी ग्रह के साथ युति बनाते है, जिससे योग-राजयोग का निर्माण होता है।इसी क्रम में 14 मार्च को चंद्रमा वृषभ राशि में गोचर करेंगे, जहां पहले से ही ज्ञान के कारक बृहस्पति विराजमान है, ऐसे में वृषभ राशि में गुरु चंद्रमा की युति से शक्तिशाली गजकेसरी राजयोग का निर्माण होगा, जो 3 राशियों को आर्थिक उन्नति और करियर में सफलता दिला सकता है।
मिथुन राशि: गजकेसरी राजयोग जातकों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। इस अवधि में नए कार्य की शुरुआत कर सकते है। धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ सकती है। आय में वृद्धि के साथ नए नए अवसर मिलेंगे। नौकरीपेशा के लिए गोल्डन समय रहेगा। पदोन्नति के साथ वेतनवृद्धि का तोहफा मिल सकता है। इच्छाओं की पूर्ति होगी।होली के आसपास प्रापर्टी के लेन- देन से लाभ मिलने की उम्मीद है।
मकर राशि: गजकेसरी राजयोग जातकों के लिए शुभ सिद्ध हो सकता है। संतान से जुड़ा कोई शुभ समाचार मिल सकता है। आकस्मिक धनलाभ के योग बनेंहे। निवेश के लिए समय अनुकूल है। मकान या कोई अन्य प्रॉपर्टी में निवेश कर सकते हैं। आर्थिक स्थिति अच्छी होगी। प्रेम संबंधों में सफलता मिल सकती है। कोई धार्मिक या मांगलिक कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं।नई नौकरी जवाइन करना चाहते हैं, तो इस अवधि में करना लाभकारी सिद्ध हो सकता है। किसी धार्मिक यात्रा पर जा सकते है।
सिंह राशि: गजकेसरी राजयोग का बनना जातकों के लिए अनुकूल सिद्ध हो सकता है। काम- कारोबार में अच्छी तरक्की मिल सकती है।आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। व्यापारियों के लिए भी समय अच्छा रहेगा। बेरोजगार को नौकरी मिल सकती है। नौकरीपेशा को प्रमोशन के साथ नए अवसर मिल सकते है। पैसों की तंगी से निजात मिल सकती है। विदेशी व्यापार कर रहे जातकों को धन लाभ हो सकता है। कोई पुरानी इच्छा पूरी हो सकती है।
कब बनता है कुंडली में गजकेसरी राजयोग
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गजकेसरी योग मतलब हाथी के ऊपर सवार सिंह।
इस योग में चंद्रमा की युति गुरु, बुध और शुक्र के साथ होती है। - अगर चंद्रमा ,गुरु, बुध और शुक्र में से किसी एक से भी केंद्र में हो तो गजकेसरी योग का निर्माण जातक की कुंडली में होता है ।
- अगर किसी जातक की कुंडली के लग्न,चौथे और दसवें भाव में गुरु-चंद्र साथ हो तो इस योग का निर्माण होता है।
- यदि चंद्र या गुरु में से कोई भी एक दूसरे के साथ उच्च राशि में हो तो भी गजकेसरी योग बनता है।