High court: जेलों में कैदियों के साथ अमानवीय व्यवहार और जेलों में क्षमता से ज्यादा कैदी रखे जाने वाली याचिका दायर की गई थी जिसपर हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है.
अधिवक्ता ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर दिया सुचना:
चीफ जस्टिस को अधिवक्ता शिवराज सिंह ने एक पत्र लिखकर बताया था कि राज्य के केन्द्रीय जेलों में क्षमता से अधिक कैदी हैं और उन्हें अमानवीय स्थिति में रखा जा रहा है. इस पत्र के बाद अब हाई कोर्ट इसे जनहित याचिका के रूप में स्वीकार करते हुए सुनवाई शुरू की है.
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जेलों में अधिक कैदी होने के सवाल पर शासन ने दिया यह जवाब:
हाई कोर्ट के तरफ से गए इस नोटिस के बाद राज्य सरकार ने स्वीकार किया की राज्य के जेलों में क्षमता से ज्यादा कैदी हैं, लेकिन उनके स्वास्थ्य और अन्य सुविधाओं को लेकर काम किया जा रहा है. इसके लिए रायपुर और बिलासपुर में विशेष जेलों की स्थापना भी की जा रही है.
इसके साथ ही बेमेतरा में भी खुली जेल का भी प्रस्ताव है. रायपुर में भी विशेष जेल के लिए भूमि आबंटित हो चुकी है. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने जेलों की स्थिति सुधार के लिए किए जा रहे प्रयासों पर जवाब देने को कहा है इस मामले में अब अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद की जाएगी.
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