forced to commit suicide : छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में दहेज़ के लालच में एक ऐसी घटना सामने आई है जिसे जानकर भी हैरानी होने लगेगी की आखिर चंद पैसों के लालच में लोग किसी की जान तक लेने के लिए उतारू हो जाते है बिलासपुर में बहू को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले रिटायर्ड डिप्टी कलेक्टर ससुर, बैंक मैनेजर पति, टीचर ननंद समेत चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
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उनकी बहू इंजीनियर थी और चार साल पहले उसकी शादी हुई थी। पति और ससुरालवालों ने उन्हें इतना प्रताड़ित किया कि उसे अपनी शादी की सालगिरह के दिन ही सुसाइड करना पड़ा। महिला के फांसी लगाकर आत्महत्या करने का यह पूरा मामला सरकंडा थाना क्षेत्र का है। बेटी की मौत की खबर मिलते जांजगीर जिले के पामगढ़ से बिलासपुर पहुंचे हेडमास्टर राजकुमार जांगड़े ने पुलिस को बताया कि उनकी दो बेटी और दो बेटे हैं, जिनमें दूसरे नंबर की बेटी युक्तिरानी थी। वह इंजीनियर थीं। उन्होंने उसकी शादी यदुनंदननगर निवासी रिटायर्ड डिप्टीकलेक्टर जीआर महिलाने के बेटे रविकांत से 24 जनवरी 2019 को सामाजिक रीति रिवाज के साथ किया था। उन्होंने बेटी की शादी में अपनी हैसियत के हिसाब से दहेज में बाइक, गहने और नगदी पैसे सहित सबकुछ दिया था। लेकिन शादी के बाद उसका पति और ससुरालवाले उसे दहेज के नाम पर शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे, जिनकी प्रताड़ना से तंग आकर उनकी बेटी युक्तिरानी ने सोमवार की रात फांसी लगाकर खुदकुशी करने के लिए मजबूर हो गई। उनकी शिकायत पर पुलिस ने आरोपी पति रविकांत महिलाने, रिटायर्ड डिप्टीकलेक्टर ससुर जीआर महिलाने, ननंद सुप्रिया महिलाने और टीचर ननंद अनु महिलाने के खिलाफ दहेज हत्या का केस दर्ज कर लिया है।
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युक्तिरानी की मां रंभा जांगड़े ने पुलिस को बयान दिया है कि बेटी की मौत से पहले उन्होंने मोबाइल में कॉल किया था। युक्ति ने फोन उठाया, तब पति-पत्नी के बीच विवाद चल रहा था। इस दौरान युक्ति अपने पति रवि से कह रही थी कि अब बहुत हो गया, मैं सहन नहीं कर सकती। मैं तुमसे तलाक लेना चाहती हूं, कुछ सेकेंड की बातचीत में युक्ति बहुत तनाव में थी और परेशान लग रही थी। उसने अपनी मां से बाद में बात करने की बात कहते हुए फोन काट दी। फिर कुछ समय बाद युक्ति के ससुर ने उसकी मौत की जानकारी दी। इससे घबराए परिजन मोपका स्थित स्वर्ण रेसीडेंसी पहुंचे। युक्तिरानी के परिजन ने पुलिस को बताया कि दामाद रविवकांत और युक्तिरानी अपनी 15 माह की मासूम बेटी के साथ मोपका स्थित स्वर्ण रेसीडेंसी में रहने लगे थे। करीब सात माह से किराए के मकान में रहने के बाद भी पति और ससुरालवालों की प्रताड़ना कम नहीं हुई। युक्ति अपनी मां और भाई को मारपीट व मानसिक प्रताड़ना की जानकारी देती थी। लेकिन, परिजन उसे हर बार समझाइश देते रहे। उन्हें क्या पता था कि युक्ति को ससुरालवालों ने जान देने के लिए मजबूर कर दिया था।
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