रिपोर्टर - नौशाद अहमद
सूरजपुर। सूरजपुर के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के दरहोरा जंगल में एक हाथी की सड़ी गली शव मिलने से वन अमले में हड़कंप मच गया जहां पशु चिकित्सक के मुताबिक प्राथमिक तौर पर लगभग 40 साल की मादा हाथी थी जिसकी बीमारी से मौत की आशंका जताई जा रही है वही शव लगभग दस दिन पुराना होने का अनुमान जताया जा रहा है। फिलहाल वन अमला हाथी की पोस्टमार्टम के बाद शव को दफना कर विवेचना में जुटी है।
मानिटरिंग पर उठे सवाल
ऐसे में दस दिन पहले हाथी के मौत की जानकारी वन अमले को नहीं लगने से वन विभाग के अधिकारियों की हाथियो पर निगरानी के दावों पर सवालिया निशान खड़ा हो रहा है। इस मामले में वन मण्डलाधिकारी ने कहा कि हाथी की मानिटरिंग की जा रही थी लेकिन अगर कहीं चुक हुई है तो उस पर कार्यवाही की जायेगी। बहरहाल एक हाथी की मौत तो हो चुकी है जहां डाक्टरों ने बताया कि हाथी बीमार था.
किसकी लापरवाही ?
अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर वन विभाग किस तरह की मानिटरिंग कर रहा था कि एक हाथी जो बिते कई दिनों से बीमार था उसकी जानकारी वन विभाग को नहीं लगी। क्या निचले स्तर या रेंज स्तर के कर्मचारियों की लापरवाही थी। यह तो जांच के बाद ही पता चल पाएगा वही यह भी देखना होगा कि क्षेत्र में विचरण कर रहे और हाथियों की सुरक्षा को लेकर वन विभाग क्या कुछ पहल करती है।