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हरियाणा चुनाव 2024 : भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई को किस बात का डर?

हरियाणा चुनाव 2024 : भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई को किस बात का डर?

नई दिल्ली : हरियाणा की बात भजन लाल के बिना पूरी नहीं होती। जब भजन लाल की बात आती है तो नाम आता है कुलदीप बिश्नोई का। इस बार कुलदीप बिश्नोई मैदान में नहीं है। आइए आपको बताते है हरियाणा के वरिष्ठ भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई से जनता टीवी व आईएनएच न्यूज चैनल के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी का चुनावी संवाद...

डॉ. हिमांशु द्विवेदी : लंबे अंतराल के बाद कुलदीप बिश्नोई ऐसे चुनाव मैदान में दिख रहे हैं जहां वे खुद मैदान में नहीं हैं। यह बदलाव आपको कितना परेशान कर रहा है ?

कुलदीप बिश्नोई : मैं बिल्कुल परेशान नहीं हूं और पूरी तरह से मैदान में हूं। मैं चुनाव लड़वा रहा हूं। लड़ने वाले से लड़वाने वाला बड़ा होता है। कृष्ण भगवान सारथी बने लेकिन उन्होंने महाभारत लड़ी नहीं, महाभारत जितवाई। मेरा प्रयास रहेगा कि मैं भारतीय जनता पार्टी को पूरे हरियाणा में घूमकर फायदा दे सकूं।

डॉ. हिमांशु द्विवेदी : आपने कहा कि लड़ने से लड़वाना ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। भाजपा में रिटायरमेंट की उम्र 75 साल मानी जाती है। कुलदीप बिश्नोई तो अभी 60 बसंत भी पार नहीं कर पाए, क्या अभी से चुनाव लड़ने से तौबा कर ली है? ऐसा क्या हो गया है आपके साथ ? 

कुलदीप बिश्नोई : जी मैंने कोई तौबा नहीं की है। मैंने कहा है कि मैं यह विधानसभा चुनाव नहीं लडूंगा। आगे लोकसभा या राज्यसभा का चुनाव भी आएगा। चुनावी रणनीति से मैं कभी दूर नहीं हुआ और ना ही कभी होउंगा। इस विधानसभा चुनाव में पार्टी ने मुझे कहा था कि आप तीन विधानसभाओं में से एक पर चुनाव लड़ें। मैंने विनम्र रूप से प्रार्थना की थी कि हरियाणा में मैंने 27 विधानसभाएं मार्क की हैं जहां मैं खुद जाना चाहता हूं। इससे पार्टी को ज्यादा लाभ मिलेगा। इस समय मेरा बेटा चुनाव लड़ रहा है तो मैं भी चुनाव ही लड़ रहा हूं, एक ही बात है। 

डॉ. हिमांशु द्विवेदी : आपने कहा की आपको तीन तीन विधानसभाएं प्रस्तावित की गई थीं। कुलदीप बिश्नोई के बारे में तो कहा जाता है कि भजन लाल के बेटे हैं। नामांकन भर देंगे तो चुनाव निकल जाएगा। फिर ऐसा क्या डर रहा कि आपको लगा कि यदि फॉर्म भर दिया तो जीत नहीं पाऊंगा। क्या हालात इतने प्रतिकूल हो गए हैं ?

कुलदीप बिश्नोई : देखिए ऐसा बिल्कुल भी नहीं है लेकिन मैं चुनाव में फ्री माइंड से जाना चाहता हूं। मैंने अपने पिताजी से सीखा है कि चुनाव, चुनाव ही होता है। एक बार मैंने पिताजी से कहा कि आदमपुर से तो आपको कोई भी हरा सकता है तो उन्होंने कहा बेटा चुनाव, चुनाव होता है। मैं सिर्फ एक कैंडिडेट हूं। चुनाव को सीरियसली लेना चाहिए। इस बार यदि मैं चुनाव लड़ता तो हर गांव में जाकर वोट मांगने का मेरा धर्म बनता। ऐसा करने में कम से कम 6 दिन निकल जाते। इन 6 दिनों में मैं कम से कम 11 या 12 कांस्टीट्यूएंसी आराम से कवर कर लेता।

डॉ. हिमांशु द्विवेदी : जब कुलदीप बिश्नोई का जिक्र आता है तो उनके साथ कांग्रेस का जिक्र भी आता है। कांग्रेस आई हो या कांग्रेस जनहित पर उनके साथ हमेशा कांग्रेस रहती थी। पहली बार ऐसा विधानसभा चुनाव है जिसमें कांग्रेस के खिलाफ कुलदीप बिश्नोई हैं। अपनी ही पार्टी में जिसमें आपने कई साल लगाए, उसके खिलाफ चुनाव लड़ते हुए मन कितना छटपटा रहा होगा।

कुलदीप बिश्नोई : आपकी बात बिल्कुल सही है कि मैं अपने जीवन में पहली बार कांग्रेस शब्द से दूर हुआ हूं। जब दूर हुआ था तो उससे पहले मुझे आगे ...सभी कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर फैसला किया था कि अब जाएंगे तो वापस कांग्रेस में नहीं आना। या तो जाओ या वापस मत आओ। आपकी बात सच है कि एक बार कांग्रेस शब्द से दूर होने पर पीड़ा हुई थी क्योंकि हमने उम्र भर कांग्रेस में रहकर प्रदेश के लिए बहुत कुछ किया। जब हमने देखा कि कांग्रेस अपनी आईडियोलॉजी से भटक गई है और पार्टी में चाटूकारिता और भ्रष्टाचार को तवज्जो दी जा रही है तो हमने फैसला किया कि अब ऐसी पार्टी में चलें जो देश के बारे में सोचती है और देश को विश्व गुरु बनाने का संकल्प रखती है।

डॉ. हिमांशु द्विवेदी : तो आपने इसलिए पार्टी बदल दी, लेकिन जिस पार्टी में आए वह कितनी भारी है ?

कुलदीप बिश्नोई : निश्चित रूप से यह पार्टी बहुत भारी है। पार्टी ने मुझे बहुत मान सम्मान दिया है। पहले राजस्थान में मुझे प्रभारी बनाया फिर हरियाणा में भी दो-दो कमेटियों का संयोजक बनाया गया। जिस कोर कमेटी में नड्डा साहब भी हैं उसका मुझे मेंबर बनाया गया। मेरे बेटे को टिकट दी। मेरे कहने से कई कैंडिडेट्स को टिकट दी गई। मुझे यहां पूरा मान सम्मान मिल रहा है और आगे बहुत कुछ मिलने वाला है। 

डॉ. हिमांशु द्विवेदी : कुलदीप बिश्नोई को लोग सीएम लेवल पर देखते थे। आज ये एक ऐसी पार्टी में आ गए जहां जनप्रतिनिधि बनने के भी लाले पड़ गए, फिर भी आप बड़े खुश लग रहे हैं। भविष्य में ऐसी क्या उम्मीद है आपको ? 

कुलदीप बिश्नोई : बिल्कुल लाले नहीं पड़े हैं। मुझे पार्टी जबरदस्त सम्मान दे रही है। जहां तक मुख्यमंत्री की बात है तो लोग चाहते हैं कि मैं प्रदेश का मुख्यमंत्री बनूं, लेकिन नायब सैनी जी हमारे कैंडिडेट हैं और हम उनको मुख्यमंत्री बनाएंगे। अब भविष्य में ईश्वर क्या चाहता है यह तो वही जाने। 

डॉ. हिमांशु द्विवेदी : पहले पार्टी आपको सांसद बनने का मौका भी देने को भी तैयार नहीं थी। वह बाहर से रणजीत चौटाला जी को लेकर आई। उनके साथ पता नहीं आपने क्या किया कि उन्होंने आपके खिलाफ बड़े पर्चे फाड़े।

कुलदीप बिश्नोई : रणजीत चौटाला जी को हिसार से उतारा गया जिसे मैं व्यक्तिगत रूप से गलत मानता हूं। एक ऐसे आउटसाइडर को हिसार में लाना जिसकी कोई हवा भी नहीं थी, ठीक कदम नहीं था। इसका पार्टी को हिसार और सिरसा लोकसभा क्षेत्र में नुकसान हुआ। 

डॉ. हिमांशु द्विवेदी : आपने रणजीत चौटाला जी के साथ ऐसा क्या किया कि जिससे वे आपसे बहुत नाराज रहे?

कुलदीप बिश्नोई : मैं बिल्कुल भी नाराज नहीं था, लेकिन रणजीत चौटाला आपसे बहुत नाराज थे।मुझे ध्यान नहीं है कि वे इतने नाराज थे। मेरी तो चुनाव के बाद भी उनसे कई बार बात हुई है। मेरे लोगों ने उनके लिए मन से काम किया लेकिन उस समय लोगों का मन बदल चुका था। एक तो टिकट गलत दी गई और दूसरा चौधरी भजनलाल जी पर अभद्र टिप्पणियां की गईं। हमने लोगों को समझाने का बड़ा प्रयास किया लेकिन हर घर में तो कुलदीप बिश्नोई पहुंच नहीं सकता।

डॉ. हिमांशु द्विवेदी : कुलदीप बिश्नोई के साथ यह खेल कैसे हुआ कि उनके कारण लोग राज्यसभा में पहुंच गए। जब कुलदीप बिश्नोई के संसद में पहुंचने का मौका आया तो बाहर से एक व्यक्ति को लाकर टिकट पकड़ा दिया गया। फिर भी कुलदीप बिश्नोई नाराज नहीं दिखाई दिए। कांग्रेस में लोग बड़े नाराज हो जाते हैं, भाजपा में लोग नाराज होने से डरते क्यों हैं ? 

कुलदीप बिश्नोई : देखिए, भारतीय जनता पार्टी हर काम सलाह मशविरा करके करती है। मेरी बीजेपी से कोई नाराजगी नहीं है। कांग्रेस पार्टी ने मुझसे कुछ वायदे किए थे विशेषकर राहुल गांधी ने। जब मुझसे वायदाखिलाफी की गई तो मैं टूट गया। मैं बड़ा भावुक किस्म का आदमी हूं। पहले सिद्धांत के बारे में सोचता हूं, उसके बाद अच्छे बुरे के बारे में सोचता हूं। जो वायदे राहुल गांधी जी ने मुझे किए थे जब वे पूरे नहीं हुई तो मेरे कार्यकर्ताओं को ठेस पहुंची। मुझे भी ठेस पहुंची। 

डॉ. हिमांशु द्विवेदी : राहुल गांधी बेईमान हो गए थे या प्रदेश में ऐसे लोग थे जिन्होंने राहुल गांधी को वायदे पूरे नहीं करने दिए ?

कुलदीप बिश्नोई : इसका जवाब तो राहुल गांधी दे सकते हैं। 

डॉ. हिमांशु द्विवेदी : कुलदीप बिश्नोई इतने अनजान कब से होने लगे कि उन्हें पता ही नहीं चला राहुल गांधी जवाब दे सकते हैं? 

कुलदीप बिश्नोई : इसका जवाब तो राहुल जी ही दे पाएंगे लेकिन यह तय था कि उन्हें वायदे पूरे करने चाहिए थे। आखिरकार फाइनल डिसीजन तो राहुल जी का ही था। उन्हें मुझसे किए गए वायदे पूरे करने चाहिए थे।

डॉ. हिमांशु द्विवेदी : कुलदीप बिश्नोई भी भजन लाल की विरासत छोड़कर भाजपा में आ गए। किरण चौधरी भी बंसी लाल की विरासत को छोड़कर भाजपा में आ गईं। भूपेंद्र हुड्डा के लिए इतना बड़ा कालीन क्यों बिछा दिया आप लोगों ने ?

कुलदीप बिश्नोई : भूपेंद्र सिंह हुड्डा जी को हम इस इलेक्शन में दिखाएंगे कि भारतीय जनता पार्टी क्या है। यह कांग्रेस पार्टी का गलत फैसला है कि किसी एक व्यक्ति को सब कुछ सौंप दिया जाए। कांग्रेस में चौधरी भजनलाल जी भी सर्वेसर्वा थे लेकिन उस समय इंदिरा जी और राजीव जी के समय में कोई एकछत्र नेता नहीं बना। वे बड़ी अच्छी बैलेंसिंग किया करते थे लेकिन राहुल गांधी ने इस सिस्टम को बिगाड़ दिया।

डॉ. हिमांशु द्विवेदी : आपको नहीं लगता कि यदि आप कांग्रेस में बने रहते और किरण जी भी कांग्रेस में बनी रहतीं तो भूपेंद्र हुड्डा को थोड़ा ज्यादा परेशान कर लेते। भूपेंद्र हुड्डा की तो बड़ी मदद कर दी आप लोगों ने कांग्रेस से बाहर जाकर। 

कुलदीप बिश्नोई : हम इस बार खुद भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाकर दिखाएंगे। 

डॉ. हिमांशु द्विवेदी : वह तो ठीक है, कांग्रेस में हुड्डा की एकतरफा चलने के बारे में आप क्या कहना चाहेंगे ?

कुलदीप बिश्नोई : यदि एकतरफा चल रही है तो कांग्रेस वाले जवाब देंगे। इसका जवाब सैलजा जी दें और हुड्डा जी दें। लेकिन यह तय कि हम इन्हें इलेक्शन में रगड़ेंगे।

डॉ. हिमांशु द्विवेदी : क्या सैलजा और सुरजेवाला आपकी कमी को वहां पूरा कर पा रहे हैं या कुल मिलाकर एकमात्र हुड्डा जी के लिए खाली मैदान छोड़ दिया गया है। 

कुलदीप बिश्नोई : यह तो आप बताएंगे या सैलजा और हुड्डा जी बताएंगे।

डॉ. हिमांशु द्विवेदी : फिर कुलदीप बिश्नोई जी क्या बताएंगे?

कुलदीप बिश्नोई : मैं तो बीजेपी या जनता का बता सकता हूं। इस बार जनता का मन है कि हम सरकार बनाएंगे। 

डॉ. हिमांशु द्विवेदी : बीजेपी बहुत अच्छी पार्टी है। बीजेपी में साढ़े 9 साल से मनोहर लाल खट्टर जी मुख्यमंत्री थे। लोकसभा चुनाव से पहले खट्टर जी दिल्ली भेज दिए गए। यह फैसला सही था या गलत ? 

कुलदीप बिश्नोई :  बीजेपी में मैंने एक पॉलिसी देखी है जो कांग्रेस में नहीं है। सबसे बड़ी क्वालिटी यह है कि यह पार्टी हर चीज का तर्क देखकर फैसला करती है, टिकटों का बंटवारा भी इसी के अनुरूप किया गया है। कांग्रेस में देखा जाता है कि मेरे कितने आदमी हैं। हम भी कह देते थे कि मेरे 10 आदमी हैं तो 6 या 7 को टिकट दे दो। बीजेपी में ऐसा नहीं है। यदि मैं यहां कहूं कि मेरे 10 आदमी हैं तो पार्टी सर्वे के अलावा सभी चीजों को देखकर फैसला करती है। सच्चाई यह है कि भारतीय जनता पार्टी में आपकी वॉइस की वैल्यू है। दूसरी सबसे बड़ी बात है कि यह पार्टी मेरिट के आधार पर काम करती है। कुलदीप बिश्नोई बड़ा लीडर होगा लेकिन पार्टी सब कुछ देखकर ही निर्णय लेती है।


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