भोपाल : मध्यप्रदेश की मोहन सरकार ने डिजिटल लिज़ेशन के तरफ एक और बड़ा कदम उठाते हुए प्रदेश में ई-कैबिनेट लागू करने जा रही है। जिसको लेकर तैयारी पूरी कर ली गई। इतना ही इन्ही अधिकारियों को दिसंबर माह में इस प्रणाली के उपयोग की विधि पर प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। इस व्यवस्था के शुरू होने से ना सिर्फ समय की बचत होगी बल्कि काम में पारदर्शिता आएगी। उत्तराखंड के बाद मध्य प्रदेश ऐसा राज्य है। जहां पर ई-कैबिनेट प्रणाली शुरू होने जा रही है।
ई-कैबिनेट पूरी तरह से पेपरलेस
इस व्यवस्था को लेकर सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ई-कैबिनेट के लिए मंत्रियों को प्रस्ताव ऑनलाइन भेजे जाएंगे। प्रशासनिक अनुमोदन सहित सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन होंगी। इस व्यवस्था के सुचारु संचालन के लिए सभी मंत्रियों को टेबलेट दिए जाएंगे। हालांकि शुरुआत में प्रस्ताव से संबंधित दस्तावेज रखे जाएंगे। इसके बाद इसे पूरी तरह से बंद कर दिया जायेगा। ई-कैबिनेट पूरी तरह से पेपरलेस होगा।
बैठक में वर्चुअली जुड़ सकेंगे कैबिनेट के सदस्य
ई-कैबिनेट व्यवस्था का एक लाभ यह भी होगा कि मंत्रियों के भोपाल में किसी कारण से उपस्थित नहीं होने की सूरत में वे कहीं से भी वर्चुअली जुड़ सकेंगे। इसको लेकर भारत सरकार के राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एनआइसी) ने पोर्टल भी बनाया है। ई-कैबिनेट शुरू होने से कैबिनेट सदस्य अपनी बैठकों के दस्तावेज़ों को डिजिटल तरीके से देख सकेंगे और बैठक की चर्चाओं में किसी भी प्रकार के कागजी दस्तावेज़ की आवश्यकता नहीं होगी।