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कौन बनेगा जिला खुरई या बीना, आमने-सामने आए भाजपा विधायक?

कौन बनेगा जिला खुरई या बीना, आमने-सामने आए भाजपा विधायक?

खुरई/बीना जिला : मध्यप्रदेश में जिला बनाने की राजनीति देखी जा रही है। विधानसभा चुनावों से पहले तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जिला बनाओं राजनीति की शुरूआत की थी। जिसमें वे कामयाब भी रहे। विधानसभा चुनावों के बाद शिवराज के जाने और मोहन के आने के बाद फिर से प्रदेश में जिला बनाने की राजनीति देखी जाने लगी है। जिला बनाने को लेकर अब पार्टी के ही विधायक आमने सामने आ गए है। ये आहट बुंदेलखंड से उठी है। 

दरसअल, बुंदेलखंड को एक जिला मिलने की संभावनाएं बनी हुई है। बीते 4 सितंबर को सीएम मोहन यादव संभवता नए जिले की घोषणा करने वाले थे, लेकिन उनके पिता के निधन के चलते सीएम मोहन यादव का दौर अटक गया, तो वही जिला बनाने का मामला भी अटक गया। इसके अलावा जिला बनाने को लेकर दो विधायक आमने सामने भी आ गए? हम बात कर रहे है सागर संभाग में नया​ जिला बनने की। सागर जिले में आने वाले खुरई और बीना में से किसी एक को जिला बनाए जाने की चर्चा लंबे से हो आ रही है। 

कौन बनेगा जिला खुरई या बीना?

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिला बनाने को लेकर भाजपा नेता आमने सामने आ गए है। खुरई भाजपा का कहना है कि खुरई को जिला बनाया जाए, तो वही बीना भाजपा नेताओं का कहना है कि बीना को जिला बनाया जाए। जिला बनाने को लेकर भाजपा नेताओं में घमासान छिड़ गया है। सबसे ज्यादा चर्चा बीना को जिला बनाने की हैं। इसी को लेकर अब खुरई भाजपा ने आंदोलन तेज कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि जिला बनाने को लेकर भाजपा नेताओं में तकरार इतनी बढ़ गई की प्रदेश भाजपा को बीच में आना पड़ रहा है। 

क्या बीना बनेगा जिला?

सबसे पहले बात करते है बीना शहर की। बीना शहर को जिला बनाने की मांग 1985 से चली आ रही है। बीना को जिला बनाने के लिए कई संगठन सामने आ चुके है। खुद कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुई बीना विधायक निर्मला सप्रे सीएम मोहन से बीना को जिला बनाने की मांग कर चुकी है। सूत्रों की माने तो निर्मला सप्रे ने बीना को जिला बनाने की शर्त पर ही भाजपा ज्वाईन की थी। बीना क्षेत्रफल में बड़ा भी है और बीना रेलवे देश का जानामाना जंक्शन भी है। इतना ही नहीं बीना में प्रदेश में एकमात्र रिफाइनरी भी है। साथ ही जेपी का थर्मल पावर प्लांट, पावर ग्रिड भी है। 

क्या खुरई बनेगा जिला?

जब जब बीना को जिला बनाने की बात सामने आई तब तब खुरई को जिला बनाने का अड़ंगा डाला गया। खुरई के भाजपा नेताओं का कहना है कि खुरई प्रदेश की सबसे पुरानी तहसीलों में से एक तहसील है। खुई में कुछ बड़े सरकारी दफ्तार भी मौजूद है। खुरई में पॉलीटेक्निक कॉलेज, एग्रीकल्चर कॉलेज, बड़ा हॉस्पिटल है। खुरई सागर संभाग के नजदीक भी है। इसलिए खुरई को जिला बनाना ज्यादा उपयुक्त रहेगा। 

भूपेंद्र वर्सेज निर्मला?

खुरई और बीना को जिला बनाने की जंग में संभाग की सियासत के दो चेहरे आमने सामने डटे हुए है। खुरई से भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री दिग्गज नेता भूपेन्द्र सिंह ने खुरई को जिला बनाने के लिए पूरी ताक झौंक दी है। वही बीना से विधायक निर्मला सप्रे प्रस्तावित चुनाव को बीना जिला बनाकर मास्टर स्ट्रोक खेलना चाहती है। अंदर खाने की खबर की माने तो मोहन सरकार भी बीना को जिला बनाना चाहती है। क्योंकि भाजपा और निर्मला सप्रे को बीना चुनाव में हार का डर सता रहा है। निर्मला सप्रे ने इसलिए अबतक हार के डर से कांग्रेस से इस्तीफा भी नहीं दिया है। कुल मिलाकर जिला बनाने की राजनीति खुरई वर्सेस बीना नहीं बल्कि भूपेंद्र सिंह वर्सेज निर्मला सप्रे हो चुकी है। अब देखना होगा की जिला बनाने की राजनीति में कौन किस पर भारी पड़ता है। या फिर मोहन सरकार बीच का कोई रास्त निकालती है। यह देखना काफी दिलचस्प होगा। 


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