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प्रसिद्द पर्यटन स्थल होने के बाद भी नहीं हो रहा जर्जर सड़क का निर्माण, पिकनिक स्पॉट और पर्यटन के लिए जाना जाता है सियादेवी मंदिर 

प्रसिद्द पर्यटन स्थल होने के बाद भी नहीं हो रहा जर्जर सड़क का निर्माण, पिकनिक स्पॉट और पर्यटन के लिए जाना जाता है सियादेवी मंदिर 

बालोद। जिले के प्रमुख प्रसिद्ध मंदिरों में शामिल ग्राम नारागाँव स्थित सियादेवी मंदिर जो एक दार्शनिक व पर्यटक स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। जहाँ नवरात्रि के पावन पर्व में श्रद्धांलुओं की भीड़ माताजी की दर्शन के लिए रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धांलू पहुंचते है लेकिन सियादेवी मंदिर पहुँच मार्ग बहुत ही ज्यादा जर्जर होने के कारण श्रद्धांलुओं को कई दिक्क़तो का सामना करना पड़ रहा है।

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सियादेवी मंदिर बारहमासी पर्यटन स्थल 
जिला मुख्यालय से महज 22 किलोमीटर दूर नारागाँव के जंगल में स्थित सियादेवी का मंदिर विराजमान है। यह सियादेवी का मंदिर दार्शनिक स्थल के साथ पर्यटक स्थल के लिए प्रसिद्ध है, जहाँ पर प्रत्येक वर्ष चैत व क्वार नवरात्रि के पावन पर्व और नववर्ष के अवसर पर बहुत ही ज्यादा भीड़ लोगों की उमड़ती है। मंदिर में बारहों महीने हजारों की संख्या मे भक्तों की भी भीड़ मदिर मे मथा टेकने और दूर दूर से पिकनिक मनाने अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ पहुँचते है। वहीं सियादेवी मंदिर के आस पास झरना, झील, नदी, डेम, पत्थर और घने जंगल जो विस्तृत क्षेत्र में फैला हुआ है। जिसके चलते लोगों को घूमने -फिरने के लिए पर्याप्त जगह मिलता है। जिससे लोगो का मन आनंद और उत्साह से भर जाता है, जहाँ पर पर्यटकों को अलौकिक आनंद की प्राप्ति होती है। जिसके कारण लोग इस पर्यटक स्थल में घंटों बैठकर अपना समय व्यतीत करते नजर आते है।

राशि स्वीकृति होने के बाद भी निर्माण कार्य नहीं हुआ चालू 
रानी माँ चौक से सियादेवी मंदिर वन मार्ग 3 किलोमीटर लम्बी सड़क वर्षो से कच्ची है जिसे वर्तमान में वन विभाग द्वारा नवरात्रि को ध्यान में रख लाल मुरम डालकर मरम्मत कराया गया है बावजूद इसके राहगीरों को लाल धूल और गड्डो के साथ ही कई तरह की दिक्क्तों सामना करना पड़ रहा है हालांकि सड़क निर्माण के लिए शासन की ओर से सियादेवी बड़भूम मार्ग तक रानी माँ चौक से 3 किलोमीटर 319.38 लाख रुपये की स्वीकृति प्राप्त हुई थी जिसकी निविदा प्रक्रिया पूरी होने के बाद निर्माण कार्य शुरू करने की बात लोक निर्माण विभाग द्वारा कहीं गई थी लेकिन कई महीने बीते जाने के बावजूद निर्माण कार्यों का कुछ पता नहीं चल रहा है जो प्रशासन की लापरवाही व उदासीनता को दर्शाता है।

गड्ढे में गिरा स्कूटी सवार 

पुल भी हो चुके हैं जर्जर 
झलमला गुरुर मुख्य मार्ग 930 मध्य स्थित ग्राम सांकरा ( क ) से  सियादेवी मंदिर पहुँच मार्ग भी बहुत ही ज्यादा जर्जर हालात में है जो राहगीरों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। बावजूद जर्जर सड़क की मरमत या नवीन निर्माण के लिए प्रशासन द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है जो कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकता है क्योंकि कांडे और नारागाँव के मध्य स्थित पुल जर्जर हो चूका है जिसके कारण मिट्टी का कटाव भी हो गया हो जहाँ कुछ दिनों पहले ही स्कूटी वाहन अनियंत्रित होकर गिरी थी हालांकि स्कूटी सवार लोग सुरक्षित थे।
पीडब्लूडी अधिकारी माधेश्वर प्रसाद ने बताया कि रानी माई चौक से सियादेवी मंदिर वन मार्ग की फाइल टेंडर प्रकिया के लिए भेजी गई है। पूरा होते ही कार्य प्रारम्भ किया जाएगा।


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