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टमाटर की राजधानी लुड़ेग में एक बार फिर बंद पड़ी टमाटर प्रोसेसिंग यूनिट को शुरू करने की उठी मांग 

टमाटर की राजधानी लुड़ेग में एक बार फिर बंद पड़ी टमाटर प्रोसेसिंग यूनिट को शुरू करने की उठी मांग 

पत्थलगांव - जशपुर जिले के पत्थलगांव लुड़ेग क्षेत्र को टमाटर की राजधानी कहा जाता है. क्षेत्र में टमाटर की बम्पर पैदावार को देखते हुए लुड़ेग में टमाटर प्रोसोसिंग यूनिट की स्थापना की गई थी. लुड़ेग में बंद पड़ी टमाटर प्रोसेसिंग यूनिट को फिर से शुरू करने की मांग की जा रही है। लगभग एक करोड़ रुपए की लागत से टमाटर प्रोसेसिंग यूनिट की सभी मशीनें ठीक हालत में होने के बाद भी इस लाभप्रद संस्थान में ताला लगा हुआ है। किसानों ने पुनः चालू क़रने की मांग कर रहे है।

इस वजह से बंद कर दी गई यूनिट: 

दरअसल, लुड़ेग में उद्यान विभाग ने 2009-10 में इस अंचल के किसानों को टमाटर की पैदावार का अच्छा लाभ दिलाने के लिए टमाटर सॉस तैयार करने की यूनिट स्थापित की थी। प्रारंभ के दिनों में उद्यान विभाग ने स्वतः टमाटर सॉस तैयार करने का काम शुरू किया था। सरकारी काम में नियमित देखरेख नहीं हो पाने से यह यूनिट कुछ दिनों के बाद बंद कर दी गई थी।  लुड़ेग क्षेत्र के किसानों ने बताया कि बेरोजगार युवकों के स्व-सहायता समूह को नकद पूंजी के अलावा अन्य सहायता मिलेगा. यूनिट प्रारंभ हो जाने से यहां बेरोजगार युवकों को काम मिलेगा। किसानों को भी उनकी उपज का सही मूल्य मिल सकता है। उद्यान विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि प्रोसेसिंग यूनिट में टमाटर सॉस के अलावा आम और लीची का भी जूस तैयार किया जा सकता है। 

औने-पौने दाम पर बेचनी पड़ती है टमाटर: 

बता दें कि दिसंबर से जनवरी में टमाटर की अधिक आवक होने से यहां किसानों को औने-पौने दाम पर अपनी उपज बेचनी पड़ जाती है। साथ ही फसल का उचित मुल्य नही मिलने के कारण उसे सड़को पर फेंकना पड़ता था. कई बार किसानों को उपज खरीदने के लिए बाहर के व्यापारी भी अपने हाथ खड़े कर देते हैं। ऐसे वक्त में टमाटर प्रोसेसिंग यूनिट में स्टॅाक रख कर लाभ अर्जित किया जा सकता है।

झारखंड, बंगाल, उड़ीसा में भेजी जाती है लुड़ेग क्षेत्र की टमाटर:

पत्थलगांव तहसील के लुड़ेग, काडरों, बिरिमडेगा, छातासराई, जामझोर, कोतबा, बागबहार, महेशपुर, झिमकी, जोराडोल, तिलडेगा  सहित एक दर्जन गांवो में नवंबर, दिसंबर, जनवरी फरवरी माह में टमाटर की बम्पर पैदावार होने से इसके भाव में गिरावट हो जाती है. जिससे किसानों को औने-पौने दामों में टमाटर को बेचना पड़ता है. उस समय किसानों को फसल की लागत भी नहीं मिल पाती है. ऐसे में किसान टमाटर बेचने की बजाय उन्हें सड़क पर फ़ेंकना ही मुनासिब समझते है. वहीं, लुड़ेग क्षेत्र की टमाटर पूरे प्रदेश समेत झारखंड, बंगाल, उड़ीसा और बिहार में भेजी जाती है। इस क्षेत्र की टमाटर की मांग काफी ज्यादा होती है।

अधिकारियों के संज्ञान में लाकर किया जाएगा शुरू: 

पत्थलगांव क्षेत्र में टमाटर प्रोसेसिंग यूनिट लगने के बाद भी सीजन के समय टमाटर नहीं मिलने से उसका लाभ किसानों को नहीं मिल पाता है.जिस समय हम लोगों को टमाटर की आवश्यकता होती है उस समय टमाटर के दामों में तेजी से वृद्धि हो जाती है. ऐसे में प्रोसेसिंग यूनिट में टमाटर न आने की वजह से बंद  है. आपको बता दें कि टमाटर प्रोसेसिंग यूनिट में टमाटर सॉस, चटनी समेत अन्य समान भी बनाए जाते हैं इस सम्बंध में पत्थलगांव एसडीएम बताया कि इस टमाटर प्रोसोसिंग यूनिट के शुरू करने के क्षेत्र में पहल की जाएगी.उच्च अधिकारियों का संज्ञान में लाकर शुरू कराया जाएगा.


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