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National Bjp President : शिवराज नहीं, इस महिला को बीजेपी बनाएगी राष्ट्रीय अध्यक्ष?

National Bjp President : शिवराज नहीं, इस महिला को बीजेपी बनाएगी राष्ट्रीय अध्यक्ष?

National Bjp President : भारतीय जनता पार्टी देश की सबसे बड़ी पार्टी अपने नए अध्यक्ष की तलाश में है। पार्टी जल्द ही अपने नए अध्यक्ष का ऐलान करेगी। हालांकि संगठनात्मक चुनाव पूरे होने के बाद ही नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम का ऐलान होगा, लेकिन कौन होगा? इसको लेकर कयासों का दौर शुरू हो चुका है। 

बीजेपी सूत्रों की माने तो बीजेपी के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब किसी महिला को पार्टी की कमान सौंपी जाएगी? बीजेपी साउथ में अपने पैर जमाने के लिए दक्षिण इलाके से अपना अगला अध्यक्ष चुन सकती है। सूत्रों की माने तो दग्गुबाती पुरंदेश्वरी को बीजेपी अपना अगला अध्यक्ष चुन सकती है। 

कौन है दग्गुबाती पुरंदेश्वरी? 

दग्गुबाती पुरंदेश्वरी आंध्र प्रदेश बीजेपी की अध्यक्ष है। वे 66 साल की है। दग्गुबाती पुरंदेश्वरी तेलुगू देशम पार्टी के संस्थापक एनटी रामाराव की बेटी हैं। पुरंदेश्वरी टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू की साली हैं। साल 1996 में जब एनटी रामाराव का तख्तापलट हुआ तब पुरंदेश्वरी ने चंद्रबाबू नायडू का समर्थन किया था। साल 2014 में दग्गुबाती पुरंदेश्वरी ने कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गई थी। 

दक्षिण भारत की सुषमा स्वराज पुरंदेश्वरी 

बीजेपी में आने के बाद दग्गुबाती पुरंदेश्वरी कई अहम पदों पर रही। दग्गुबाती पुरंदेश्वरी को दक्षिण भारत की सुषमा स्वराज माना जाता है। पुरंदेश्वरी को पांच भाषाओं में महारत हासिल है। बीजेपी का माना है कि साउथ में पैर जमाने के लिए दग्गुबाती पुरंदेश्वरी को पार्टी अध्यक्ष बनाना फायदेमंद साबित हो सकता है। 

अध्यक्ष की दौड़ में ये भी शामिल!

बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ में कई नाम चर्चा में भी बने हुए है। जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री और केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और बीजेपी नेता विनोद तावड़े का नाम शामिल है। 

दक्षिण से ही क्यों?

राजनीतिक जानकारों की माने तो आगामी दिनों यूपी, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम और गुजरात जैसे राज्यों में चुनाव होने है। बीजेपी चुनावों को देखते हुए दक्षिण भारत से पार्टी के नए अध्यक्ष का चुनाव कर सकती है, क्योंकि दक्षिण भारत में बीजेपी का जनाधार कम माना जाता है। वहां स्थानीय दलों का बोलबाला है। ऐसे में दक्षिण भारत में पार्टी का विस्तार करने के लिए बीजेपी वहीं के किसी नेता को पार्टी की जिम्मेदारी सौंप सकती है। 


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