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इतने लाख अंडे हर महीने डकार जाते हैं छत्तीसगढ़िया, जानकार आप भी हो जाएंगे हैरान!

इतने लाख अंडे हर महीने डकार जाते हैं छत्तीसगढ़िया, जानकार आप भी हो जाएंगे हैरान!

रायपुर। बचपन से यही सुनते रहे हैं, संडे हो या मंडे रोज खाओ अंडे, तो बस इस पर अमल करते नजर आ रहे हैं अपने प्रदेश के लोग। यहां रोज 80 लाख अंडों का उत्पादन हो रहा है। इसमें से 70 लाख अंडे रोज अपने राज्य के लोग ही डकार जा रहे हैं। मुश्किल से 10 लाख के आसपास ही अंडे दूसरे राज्यों में जा रहे हैं। सामान्य समय में 40 फीसदी अंडे दूसरे राज्यों में जाते हैं, लेकिन ठंड में यहां खपत बढ़ गई है। इसी के साथ कीमत में भी इजाफा हो गया है। पहली बार ठंड के समय में कीमत चिल्हर में सात रुपए हो गई है। थोक में दाम साढ़े छह रुपए है।

लॉकडाउन में मंडरा गया था फार्मिंग पर खतरा 
छत्तीसगढ़ का नाम भी ज्यादा अंडे उत्पादन करने वाले राज्यों में शामिल है। यही वजह है कि यहां से दूसरे राज्यों में रोज अंडे जाते हैं। यहां कई बड़े पोल्ट्री फार्म हैं। इनमें लाखों की संख्या में अंडों का उत्पादन रोज होता है। कोरोना काल में जब लॉकडाउन लगा था, तो पोल्ट्री फार्म वालों ही हालत खस्ता हो गई थी। यहां 20 करोड़ से ज्यादा अंडों को कोल्ड स्टोरेज में रखना पड़ा था। स्थिति अंडों को फेंकने की आ गई थी, लेकिन लॉक डाउन हटने के कारण राहत मिली थी। एक साल पहले दो माह का सावन पड़ने के कारण भी अंडों स्टॉक कोल्ड स्टोरेज में रखा गया था। इस बार भी सावन में लाखों अंडों को कोल्ड स्टोरेज में रखा गया था, क्योंकि सावन में खपत कम हो जाती है।

ठंड में बढ़ जाती है अंडों की खपत 
आमतौर पर प्रदेश में ठंड में अंडों की खपत बढ़ जाती है। सामान्य समय में जब यहां रोज 80 लाख अंडों का उत्पादन होता है, तो इसमें से 30 से 40 फीसदी यानी 20 से 30 लाख अंडे दूसरे राज्यों में जाते हैं, लेकिन ठंड में बाहर के राज्यों में भेजने के लिए बहुत कम अंडे बच रहे हैं। पोल्ट्री फार्म कारोबारियों की मानें, तो इस समय दूसरे राज्यों में मुश्किल से 10 से 12 फीसदी ही अंडे यानी करीब दस लाख अंडे ही जा रहे हैं। बाकी की खपत अपने राज्य में हो रही है।

राज्य में ही खपत ज्यादा
ठंड में हमेशा ही अपने राज्य में खपत ज्यादा होती है। इस बार भी ज्यादा खपत होने के कारण दूसरे राज्यों में यहां से अंडे बहुत कम जा रहे हैं।

धनराज बैनर्जी, पोल्ट्री फार्म कारोबारी

कीमत आसमान पर
अंडों की गर्मी और बारिश के समय कीमत बहुत कम होती है। गर्मी में अंडों के खराब होने का खतरा भी रहता है। ऐसे में पोल्ट्री फार्म में इसकी कीमत तीन रुपए से कम और थोक में साढ़े तीन और चिल्हर में चार रुपए के आसपास रहती है, लेकिन इस बार गर्मी में भी कीमत आसमान पर रही है। गर्मी में इस बार अंडा चिल्हर में साढ़े छह रुपए तक बिका है। लेकिन अब ठंड में खपत बढ़ने के साथ कीमत भी और बढ़ गई है। इस समय बड़े कारोबारी थोक में छह रुपए में बेच रहे हैं। यह किराना दुकान और अन्य कारोबारियों तक सवा छह रुपाए में पहुंच रहा है। ऐसे में इसको थोक में एक क्रेट यानी 30 अंडे लेने पर साढ़े छह रुपए में बेचा जा रहा है। अगर कोई एक दर्जन अंडा ले रहा है तो उनको कहीं 80 तो कहीं 84 रुपए में ही मिल रहे है। चिल्हर में इसको सात रुपए में बेचा जा रहा है।


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