CHHATTISGARH : एंटी करप्शन और आर्थिक अपराध ब्यूरो ने 12 फरवरी 2015 को नागरिक आपूर्ति निगम के मुख्यालय सहित अधिकारियों-कर्मचारियों के 28 ठिकानों पर एक साथ छापा मारा था। वहां से करोड़ों रुपए कैश, कथित भ्रष्टाचार से संबंधित कई दस्तावेज, डायरी, कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क समेत कई दस्तावेज मिले।
यह अत्यंत दुर्भाग्यजनक है कि सॉलीसिटर जनरल जैसे सर्वोच्च संवैधानिक पदों पर बैठा व्यक्ति राजनीतिक उद्देश्यों से झूठे एवं शरारत पूर्ण आरोप लगा रहा है।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) October 21, 2022
मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूँ कि मैंने कभी किसी जज से मिलकर किसी भी अभियुक्त के लिए किसी भी प्रकार का फेवर करने का अनुरोध नहीं किया।
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इस केस में कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट में फैसला सुनाया गया था प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर फैसला किया गया हैं। ईडी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर आरोपे लगते हुए कहा कि उनके एक कथित करीबी सहयोगी की व्हाट्सएप में हुई बातचीत से पता चला है कि नान घोटाला मामले के कुछ आरोपियों को जमानत मंजूर करने से दो दिन पहले मुख्यमंत्री एक न्यायाधीश से मिले थे। इन आरोपों पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए मुख्यमंत्री ने जवाब दिया है। CM बघेल ने इन आरोपों को झूठा बताया। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कह दिया है कि अब इस मामले का पुरजोर विरोध किया जाएगा।
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CM बघेल ने ट्वीट करते हुए कहा - यह अत्यंत दुर्भाग्यजनक है कि सॉलिसिटर जनरल जैसे सर्वोच्च संवैधानिक पदों पर बैठा व्यक्ति राजनीतिक उद्देश्यों से झूठे एवं शरारत पूर्ण आरोप लगा रहा है। मैं यह साफतौर पर कहना चाहता हूं कि मैंने कभी किसी जज से मिलकर किसी भी अभियुक्त के लिए किसी भी प्रकार का सहायता करने का अनुरोध नहीं किया। यह मेरी राजनीतिक छवि खराब करने एवं न्याय पालिक को दबाव में लाने का षड्यंत्र है जिसका समुचित प्रतिकार किया जाएगा।