Chhattisgarh Reservation Matter: छत्तीसगढ़ में आरक्षण का विवाद थम ही नहीं रहा है. इस पर अब सरकार और राजभवन अब खुलकर आमने-सामने आ गये हैं. बुधवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र कि कार्यवाही शुरू होते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्यपाल अनुसुईया उइके पर सार्वजनिक हमला किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर तंज कसा है.
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बघेल ने राज्यपाल पर किया सार्वजनिक हमला:
आरक्षण विधेयक पर मचे घमासान के बीच भूपेश बघेल ने एक ट्विट किया है जिसपर लिखा है "अगर ये तुम्हारी चुनौती है, तो मुझे स्वीकार है, लेकिन तुम्हारे लड़ने के तरीके पर धिक्कार है"
अगर ये तुम्हारी चुनौती है, तो मुझे स्वीकार है
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) January 4, 2023
लेकिन तुम्हारे लड़ने के तरीके पर धिक्कार है
सनद रहे! भले 'संस्थान' तुम्हारा हथियार हैं
लड़कर जीतेंगे! वो भीख नहीं आधिकार है
फिर भी एक निवेदन स्वीकार करो-
कायरों की तरह न तुम छिपकर वार करो
राज्यपाल पद की गरिमा मत तार-तार करो pic.twitter.com/79a2mlq3Ij
उन्होंने आगे लिखा कि "सनद रहे! भले 'संस्थान' तुम्हारा हथियार हैं:
लड़कर जीतेंगे! वो भीख नहीं आधिकार है, फिर भी एक निवेदन स्वीकार करो कायरों की तरह न तुम छिपकर वार करो, राज्यपाल पद की गरिमा मत तार-तार करो।
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एक दिन पहले साइंस कॉलेज में भी किया था वार:
कांग्रेस कि जन अधिकार महारैली जो रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित किया गया था. जहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि छत्तीसगढ़ में दो चार बंधुआ लोगों को छोड़कर सभी आरक्षण के समर्थन में हैं. राज्यपाल ने उस विधेयक को रोक रखा है। उन्होंने आगे कहा " मैंने पहले भी आग्रह किया है आज फिर कर रहा हूं कि राज्यपाल हठधर्मिता छोड़ें। या तो वे विधेयक पर दस्तखत करें या फिर उसे विधानसभा को लौटा दें।"
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