CHHATH PUJA 2022 : छठ पूजा 2022 की शुरुवात 28 अक्टूबर से शुरू हो चुकी हैं। छठ पूजा में सूर्य देव की आराधना और छठी माता की उपासना का पर्व हैं। हिन्दुओ की आस्था का पर्व हैं, इस पर्व में छठी माता के लिए व्रत किया जाता हैं।
यह भी पढ़ें : 2 मैच जितने के बाद आज भारतीय टीम का मुकाबला साउथ अफ्रीका से, पर्थ में खेला जायेगा मैच
छठ पूजा की शुरुवात 28 अक्टूबर को नहाय खाय के दिन से हो चुकी हैं उसके दुसरे दिन 29 अक्टूबर को खरना मनाया गया हैं। और आज 30अक्टूबर को अस्ताचलगामी यानी डूबता हुए सूर्य को अर्ध्य पूजा- पथ किया जायेगा।
नहाय खाय के दिन से होती है शुरुवात
छठ पूजा के पहले दिन को नहाय खाय के नाम से जाना जाता हैं नहाय खाय के दिन एक समय का भोजन करके लोग अपने मन को साफ करते हैं। इस दिन से घर में सफाई का ध्यान रखा जाता हैं।
यह भी पढ़ें : 2 मैच जितने के बाद आज भारतीय टीम का मुकाबला साउथ अफ्रीका से, पर्थ में खेला जायेगा मैच
नहाय खाय के दिन महिलाये लौकी की सब्जी बनाकर व्रत करती हैं, छठ पूजा के दुसरे दिन को ‘खरना’ के नाम से जाना जाता हैं और इस दिन व्रत रखते है खरं का मतलब होता हैं। शुद्धिकरण शाम होने पर गुड की खीर बनाकर महिलाये पूजा करने के बाद अपने दिन भर का उपवास तोडती है। गुड की खीर का प्रसाद बनाकर लोगो में वितरित कर दिया जाता हैं। इस प्रसाद को ग्रहण करने के बाद 36 गहनते का उपवास शुरू होता है यह उपवास निर्जला रखना होता हैं, इस दिन प्रसाद बनाने के लिए नए मिटटी के चूल्हे और आम की लकड़ी का प्रयोग शुभ माना जाता हैं। छठ पूजा के तीसरे दिन शाम के समय डूबता सूरज को अर्ध्य दिया जाता हैं। जिसकी वजह से इसे संध्या अर्ध्य कहा जाता हैं।
यह भी पढ़ें : NCB ने भारती सिंह, उनके पति हर्ष लिंबाचिया के खिलाफ 2020 के ड्रग मामले में दायर की चार्जशीट
इस दिन उपवास करने वाले लोग भोर में सूर्य निकलने से पहले रात का मिश्री पानी का सेवन करते हैं उसके बाद अंतिम अर्ध्य देकर पानी पीते हैं। संध्या अर्ध्य के दिन विशेष प्रकार के पकवान ठेकुवा और मौसमी फल सूर्य देव को चढाये जाते हैं और सूर्य देव को दूध और जल से अर्ध्य दिया जाता हैं।