Chandigarh grenade blast case: NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने 22 जनवरी को चंडीगढ़ ग्रेनेड ब्लास्ट मामले में बड़ी कार्रवाई की है। इस दौरान पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में 16 स्थानों पर छापेमारी की गई। यह कार्रवाई 2024 में चंडीगढ़ में हुए ब्लास्ट से जुड़े मामले में की गई है। इस मामले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के समर्थन से काम कर रहे आतंकी हरविंदर सिंह रिंडा और अमेरिका में रह रहे हरप्रीत सिंह का नाम सामने आया है। NIA का उद्देश्य इस मामले से जुड़े महत्वपूर्ण सबूत जुटाना और अन्य संदिग्धों की गिरफ्तारी करना है।
पंजाब में 14 जगहों पर छापेमारी:
Chandigarh grenade blast case: NIA ने पंजाब के 14 स्थानों पर छापेमारी की, जिनमें अमृतसर के कई इलाके भी शामिल थे। इस मामले में पंजाब पुलिस ने पहले ही रोंहन मसीह नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। जांच के दौरान यह सामने आया कि अमेरिका में स्थित हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासिया ने ब्लास्ट के लिए हथियार और वित्तीय सहायता प्रदान की थी। इस कार्रवाई में स्थानीय पुलिस ने भी पूरा सहयोग किया।
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी रेड:
Chandigarh grenade blast case: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में एक-एक स्थान पर छापेमारी की गई। NIA की टीम ने संदिग्धों से जुड़े दस्तावेज़ और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए। अधिकारियों के अनुसार, इन इलाकों से आतंकवादी गतिविधियों से संबंधित महत्वपूर्ण सबूत मिलने की उम्मीद है। छापेमारी के दौरान स्थानीय प्रशासन भी पूरी तरह सतर्क रहा।
ISI और BKI का कनेक्शन हुआ उजागर:
Chandigarh grenade blast case: चंडीगढ़ ब्लास्ट की जांच के दौरान ISI और बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) के बीच कनेक्शन का पता चला। पाकिस्तान समर्थित आतंकी हरविंदर सिंह रिंडा ने इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई थी। हरप्रीत सिंह ने पंजाब में अपने नेटवर्क के माध्यम से ग्रेनेड और अन्य विस्फोटक सामग्री भेजी। इस मामले ने सुरक्षा एजेंसियों को चौकस कर दिया है।
क्या है ग्रेनेड ब्लास्ट मामला :
Chandigarh grenade blast case: सितंबर 2024 में चंडीगढ़ के सेक्टर 10 में एक ग्रेनेड ब्लास्ट हुआ था। संदिग्धों ने ऑटो-रिक्शा में बैठकर एक घर पर ग्रेनेड फेंका था, जो हिमाचल प्रदेश के सेवानिवृत्त प्राचार्य केके मल्होत्रा का था। पुलिस ने घटना की गहराई से जांच की, तो यह सामने आया कि अपराधी वारदात को अंजाम देने के बाद अलग-अलग राज्यों में फरार हो गए थे। NIA और पंजाब पुलिस की संयुक्त कार्रवाई के तहत इस मामले में कई अहम कड़ियां जुड़ रही हैं। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए संदिग्धों ने घटना के बाद जम्मू-कश्मीर और दिल्ली में शरण ली थी।