Waqf Board Bill: केंद्र सरकार इस हफ्ते संसद में वक्फ बोर्ड की शक्तियों और उसकी कार्यप्रणाली में संशोधन से जुड़ा बिल पेश कर सकती है। बताया जा रहा है कि, मोदी सरकार वक्फ बोर्ड की किसी भी संपत्ति को 'वक्फ संपत्ति' बनाने की शक्तियों पर अंकुश लगाना चाहती है।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा-
#WATCH | On media reports that the central government is likely to bring a bill to curb the powers of the Waqf Board over assets, AIMIM Chief Asaduddin Owaisi says, "Firstly, when Parliament is in session, the central government is acting against parliamentary supremacy and… pic.twitter.com/XJ7hixY7UZ
— ANI (@ANI) August 4, 2024
उल्लेखनीय है कि, शुक्रवार शाम कैबिनेट ने वक्फ एक्ट में करीब 40 संशोधनों को मंजूरी दी। इस बिल को मौजूदा मानसून सत्र में पेश करने की तैयारी है। वक्फ बोर्ड की शक्तियों में संशोधन पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा- "मोदी सरकार वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता छीनना चाहती है और इसमें हस्तक्षेप करना चाहती है। यह खुद ही धर्म की स्वतंत्रता के खिलाफ है। बीजेपी शुरू से ही इन बोर्ड्स और वक्फ संपत्तियों के खिलाफ रही है और उनका हिंदुत्व एजेंडा है। हमारे देश में ऐसी कई दरगाह हैं, जहां बीजेपी-आरएसएस दावा करती हैं कि ये दरगाह और मस्जिद नहीं हैं।"
विवादित संपत्तियों के लिए अनिवार्य सत्यापन का किया प्रस्ताव
सरकार ने राज्य वक्फ बोर्डों को किसी भी संपत्ति पर दावा करने के लिए व्यापक अधिकार दिए जाने और अधिकांश राज्यों में ऐसी संपत्ति के सर्वेक्षण में देरी का संज्ञान लिया था। वक्फ बोर्ड की ओर से किए गए संपत्तियों पर दावों का अनिवार्य रूप से सत्यापन का प्रस्ताव दिया जाएगा। इसी तरह, वक्फ बोर्ड की विवादित संपत्तियों के लिए अनिवार्य सत्यापन का प्रस्ताव किया गया है।
वक्फ बोर्ड के पास करीब 8.7 लाख संपत्तियां
इस संशोधन का सीधा असर उत्तर प्रदेश जैसे क्षेत्रों में होगा, जहां वक्फ बोर्ड काफी सक्रिय है और उसके पास जमीन भी बहुत है। 2013 में यूपीए सरकार ने मूल अधिनियम में संशोधन लाकर वक्फ बोर्ड को और अधिक शक्तियां दी थीं। वक्फ बोर्ड के पास करीब 8.7 लाख संपत्तियां हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल करीब 9.4 लाख एकड़ है।
प्रदेशों में हैं 30 वक्फ बोर्ड
वक्फ बोर्ड यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है कि वक्फ संपत्ति से हुई आय का इस्तेमाल मुस्लिम समुदाय के विकास के लिए किया जाए। बिहार जैसे राज्यों में अलग-अलग शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड हैं। अभी वक्फ बोर्ड के पास करीब 8.7 लाख संपत्तियां हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल करीब 9.4 लाख एकड़ बताया जाता है। फिलहाल, देश के 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 30 वक्फ बोर्ड हैं।
संभावित संशोधन
केंद्र सरकार संसद में संशोधन से जुड़ा जो बिल पेश करने की तैयारी में है, उसमें करीब 40 बदलावों का प्रस्ताव है। इनमें कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं:
वक्फ अधिनियम की धारा 9 और धारा 14 में संशोधन का प्रस्ताव।
वक्फ बोर्ड की शक्तियों को सीमित करना।
बोर्ड की संरचना में बदलाव का प्रस्ताव।
निकायों में महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने का प्रस्ताव।
बोर्ड की ओर से भूमि को वक्फ की संपत्ति घोषित करने से पहले उसका सत्यापन सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
राज्य वक्फ बोर्ड्स के दावे वाली विवादित भूमि का नए सिरे से सत्यापन कर सकेंगी।
वक्फ बोर्ड क्या है?
वक्फ बोर्ड वक्फ संपत्तियों का मैनेजमेंट देखता है। वक्फ को दान का एक रूप माना जाता है, जो मुस्लिम समुदाय के विकास के लिए दी गई संपत्ति है। संपत्ति और संपत्ति से हुए मुनाफे का हर राज्य के वक्फ बोर्ड प्रबंधन करते हैं। 1954 में जवाहरलाल नेहरू सरकार ने वक्फ एक्ट पारित किया था। सरकार ने 1964 में सेंट्रल वक्फ काउंसिल की स्थापना की थी। 1995 में हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में वक्फ बोर्ड के गठन की अनुमति देने के लिए कानून में संशोधन हुआ।