BIHAR ; भारत में BIHAR के छपरा में शनिवार को शहर के एक मंदिर में हनुमान जयंती समारोह हो रहा था। जिसमे सारण मारूति मानस मंदिर के सचिव PROFESSOR रणंजय कथा सुनाने वाले संत के सम्मान में दोहा सुना रहे थे।
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उनका आखिरी दोहा था- बिछुरत एक प्रान हरि लेहीं।मिलत एक दुख दारुन देहीं। इसका अर्थ होता है- संत छोड़कर जाता है तो प्राण ले लेता है और असंत जाने पर दुख देता है। कथा सुनाने के दौरान सेवानिवृत प्रोफेसर रणंजय सिंह मंच पर ही अचानक गिर पड़े। और इसके बाद जब उनको HOSPITAL ले जाया जा रहा था तभी उनकी मौत हो जाती हैं डॉक्टरों ने HEART ATTACK को प्रोफेसर की मौत का कारण बताया है। प्रोफेसर रणंजय सिंह छपरा के जगदंब कॉलेज के रिटायर्ट प्राचार्य थे। वे मूल रूप जलाल प्रखंड के कोठिया गांव के रहने वाले थे।
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