Bihar: पटना हाईकोर्ट के जाति आधारित जनगणना पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया है, कोर्ट के इस फैसले से नीतीश कुमार को बड़ा झटका लगा है. इस मामले की सुनवाई पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस वी चन्द्रन की बेंच ने की है. इस मामले में अगली सुनवाई 3 जुलाई को होगी.
Bihar Caste Census: बता दें बिहार सरकार लम्बे समय से जातिगत जनगणना करने के पक्ष में रही, इसके चलते जातीय जनगणना का प्रस्ताव बिहार विधानसभा और विधान परिषद में पास करा चुकी है. हालांकि, केंद्र इसके खिलाफ रही है. और सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर साफ़ मन कर दिया जाता था. इस मामले में केंद्र का कहना कि ओबीसी जातियों की गिनती करना लंबा और कठिन काम है.
बिहार सरकार क्यों करना चाहती है जातिगत जनगणना :
Bihar Caste Census: जातिगत जनगणना कराने के पक्ष में बिहार सरकार का तर्क ये है कि 1951 से एससी और एसटी जातियों का डेटा पब्लिश होता है, लेकिन ओबीसी और दूसरी जातियों का डेटा नहीं आता है. इसके कारण ओबीसी की सही आबादी का पता लगा पाना लगभग मुश्किल होता है.
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