कुश अग्रवाल//बलौदा बाजार: छत्तीसगढ़ कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष और पूर्व सांसद पी.आर. खूंटे ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को अपना इस्तीफा भेजते हुए कांग्रेस और भाजपा दोनों पर निशाना साधा। खूंटे ने अपने इस्तीफे में आरोप लगाया कि दोनों पार्टियों ने छत्तीसगढ़ के गरीब और मूल निवासी लोगों का शोषण किया है और उनकी समस्याओं का समाधान करने में विफल रही हैं।
भाजपा में शामिल होने की संभावना को किया खारिज:
खूंटे ने कहा कि वह किसी दबाव में आकर नहीं, बल्कि अपनी मर्जी से कांग्रेस पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष पद और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं। उन्होंने भाजपा में शामिल होने की संभावना को भी खारिज कर दिया। उनका कहना है कि वह पहले भाजपा में रह चुके हैं और अब वापस जाने का कोई सवाल नहीं है। पूर्व सांसद पी.आर. खूंटे सारंगढ़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद और पलारी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। उनके इस्तीफे को छत्तीसगढ़ कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। आगामी चुनावों के मद्देनजर, उनका यह निर्णय कांग्रेस के लिए राजनीतिक चुनौतियां खड़ी कर सकता है। वहीं खूंटे सतनामी समाज के एक बड़े नेता के रूप में भी जाने जाते हैं।
छत्तीसगढ़ की राजनीति में पैदा हो सकत है नया समीकरण:
खूंटे का यह कदम छत्तीसगढ़ की राजनीति में नए समीकरण पैदा कर सकता है। उनके इस फैसले के पीछे की वजह पार्टी और सरकार की नीतियों से असंतोष को बताया जा रहा है। हालांकि, उन्होंने नई पार्टी बनाने या किसी अन्य दल में शामिल होने के सवाल पर अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं किया है। खूंटे के इस फैसले ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। कांग्रेस और भाजपा, दोनों के लिए यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि उनके अगले कदम से छत्तीसगढ़ की राजनीति पर क्या असर पड़ता है।