भोपाल | सुभाष नगर से रानी कमलापति स्टेशन के बीच मेट्रो के पांच स्टेशन बनकर तैयार हो गए हैं। अब इनके आसपास पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है, जिससे यात्री अपना वाहन पार्किंग में पार्क कर मेट्रो में सफर कर सकें। इसके बाद रानी कमलापति मेट्रो स्टेशन के साथ ही एम्स तक मेट्रो स्टेशनों का काम अंतिम चरण में है। सबसे बड़ी पार्किंग की व्यवस्था एम्स मेट्रो स्टेशन के पास रहेगी। मेट्रो कंपनी के अनुसार सुभाष नगर से रानी कमलापति स्टेशन के बीच मेट्रो कोच को ट्रैक पर दौड़ाकर ट्रायल रन किया जा रहा है। इसके साथ ही मेट्रो स्टेशन के काम भी लगभग पूरे हो गए हैं। अब इन स्टेशनों के पास पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है, जिससे मेट्रो का कामर्शियल रन शुरू होने से पहले यह पार्किंग बनकर तैयार हो जाएं।
प्रायोरिटी कॉरिडोर में कुल 1368 गर्डर
भोपाल मेट्रो के सुभाष नगर से एम्स तक के प्रायोरिटी कॉरिडोर के कुल 8 स्टेशन हैं। इन स्टेशन का काम भी अंतिम चरण में चल रहा है। आखिरी गर्डर अलकापुरी स्टेशन पर रखा गया। इसके 3 स्टेशन, अलकापुरी, एम्स और डीआरएम ऑफिस पर ट्रैक बिछाकर एंट्री और दीवारें बनाने का काम शुरू होगा। प्रायोरिटी कॉरिडोर 6.22 किमी लंबा है, जो सुभाष नगर से एम्स के बीच है। इस दौरान 8 स्टेशन हैं। जिसमें से सुभाष नगर, बोर्ड ऑफिस, एमपी नगर, केंद्रीय स्कूल और रानी कमलापति स्टेशन पर पिछले साल ही गर्डर ट्रैक की लॉन्चिंग हो चुकी है। अलकापुरी, एम्स और डीआरएम ऑफिस स्टेशनों का काम शुरू नहीं हो सका था।
स्टील ब्रिज बिछाने का काम चल रहा
रानी कमलापति से एम्स तक ट्रैक बिछाने का काम दो माह बाद शुरू होगा। क्योंकि अंतिम गर्डर का काम पूरा हो गया है। यह अंतिम गर्डर अलकापुरी रेलवे स्टेशन के लिए लांच किया गया। हबीबगंज रेलवे क्रासिंग पर स्टील ब्रिज बिछाने का काम चल रहा है। इस ब्रिज के बनने के बाद ही एम्स तक ट्रैक बिछाने का काम शुरू होगा।
भूमि को समतल किया जा रहा
मेट्रो कंपनी के अनुसार अब तक की सबसे ज्यादा 80 की स्पीड में मेट्रो दौड़ चुकी है। इसे बड़ी सफलता माना जा रहा है, क्योंकि जब भी मेट्रो का कमर्शियल रन शुरू होगा, तब यही रफ्तार रहेगी। जबकि अंतिम ट्रायल रन 110 किलोमीटर प्रति घंटे का होना है। इसके साथ ही मेट्रो स्टेशन व अन्य विकास कार्य भी तेजी से चल रहे हैं। इसलिए अब पार्किंग को लेकर भी आसपास की भूमि को समतल किया जा रहा है।