भोपाल। राजधानी में पहली बार महानगर की तर्ज पर शुरू हुए बड़े प्रोजेक्ट अधूरे पड़े हुए हैं। इन पर ट्रैफिक शुरू करने के लिए बार-बार डेडलाइन बदली जा रही है। इसके बाद भी जिम्मेदार यह नहीं बता पा रहे हैं कि लोगों को इसका लाभ कब मिल पाएगा।
शहर का जीजी फ्लाईओवर गणेश मंदिर से गायत्री मंदिर तक बन रहा है, जिसका निर्माण 20 दिसंबर 2020 को शुरू हुआ था। इसकी डेड लाइन दिसंबर 2022 थी, लेकिन 4 साल बाद भी अधूरा है। इसको लेकर वर्ष 2023 और मार्च 2024 डेड लाइन तय की गई, लेकिन अगली डेड लाइन तय नहीं की गई।
ऐशबाग में 17.37 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे एफओबी का काम 45 फीसदी हो गया है। 648 मीटर लंबे और 8.40 मीटर चौड़े इस ब्रिज को जून 2023 में पूरा होना था। इसके बाद जून 2024 तक इसे पूरा करने का टारगेट रखा गया है, लेकिन 6 माह बाद भी आगे का काम शुरू ही नहीं हो पाया।
चूनाभट्टी से गोल जोड़ तक 12.5 किमी सिक्सलेन रोड का निर्माण पूरा होने के बाद भी इसका लोकार्पण नहीं हो पा रहा है, क्योंकि कोलार गेस्ट हाउस, चूना भट्टी सहित पांच चौराहे पर अभी निर्माण कार्य चल रहा है। जबकि अधूरी रोड पर ट्रैफिक शुरू कर दिया गया था। इसकी डेडलाइन पहले वर्ष 2023 और उसके बाद जून 2024 तक की गई। इसके बाद नवंबर 2024 में लोकार्पण होना था। इसके बाद भी चौराहे और कॉलोनी जोड़ का काम होना बाकी है।
मेट्रो ट्रेन का सफर लोगों के लिए अगर शुरू भी हुआ भी तो सुभाष नगर से एम्स तक ही संभावना दिखती है, वो भी एक वर्ष बाद। जबकि भोपाल मेट्रो के प्राथमिकता कॉरिडोर का काम अगस्त 2023 की समय सीमा थी। इसे आगे बढ़ाकर मार्च 2024 किया गया था, लेकिन अब वर्ष 2027 में पूरा होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। प्रायोरिटी कॉरिडोर की यह हालत है, तो आगे मेट्रो के संचालन का क्या होगा।