भोपाल। वल्लभ भवन के आसपास की छह झुग्गी बस्तियों के 6 हजार 543 झुग्गीवासियों को इसी एरिया में पक्के ईडब्ल्यूएस मकान बनाकर दिए जाएंगे। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि झुग्गियों में रहने वाले लोगों को दूसरी जगह जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके साथ करीब तीस एकड़ सरकारी जमीन फ्री हो जाएगी, जिससे यहां सरकारी दफ्तर बनाने का रास्ता साफ होगा। गुरुवार को नगर निगम कमिश्नर हरेंद्र नारायण ने कलेक्टोरेट में रखी गई बैठक में प्लान पेश किया, जिसमें 116 ब्लॉक बनाने का प्रस्ताव रखा गया, इसके एक ब्लॉक में 72 मकान रहेंगे, नौ मंजिला इमारत में प्रत्येक फ्लोर पर 8 फ्लैट बनाए जाएंगे।
पहली बार नगर निगम ने शहर को पायलेट प्रोजेक्ट के तहत झुग्गी मुक्त करने का प्लान बनाया है, जिसके तहत नगर निगम सीमा की 6 विधानसभा क्षेत्रों में 388 झुग्गी बस्तियों को शिफ्ट की जाना है, जिसमें 1 लाख 56 हजार 560 परिवार रहते हैं। इन परिवारों को पक्के मकान बनाकर दिए जाने हैं,जबकि इन झुग्गियों की वजह से दो हजार एकड़ से अधिक सरकारी जमीन पर कब्जा है। निगम कमिश्नर हरेंद्र नारायण ने बताया कि एक सप्ताह के अंदर डीपीआर डिजाइन, प्लानिंग पॉलिसी, एस्टीमेट और टेंडर की शर्ते और सभी तैयारियां पूरी की जाएंगी।
विस बस्तियां झुग्गियां
उत्तर 56 24550
नरेला 77 26524
दप 68 37470
मध्य 42 13769
गोविंदपुरा 73 28533
हुजूर 72 25714
कुल 388 156560
आजीविका प्रभावित न हो
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि इसका ध्यान रखा जाए कि झुग्गी में रहने वाले लोगों की आजीविका प्रभावित न हो। सर्वे अच्छे से किया जाए। जिन लोगों को मकान बनने से पहले हटाने की जरूरत पड़े, उन्हें किराया दिया जाना चाहिए।
दो महीने में काम कराएंगे शुरू
बल्लभ भवन के आसपास की 6 झुग्गी बस्तियों में रहने वाले परिवारों को रीडेंसीफिकेशन के तहत पक्के मकान दिए जाने हैं। जिसके लिए एक हफ्ते में टेंडर फाइनल कर लिया जाएगा।
कौशलेंद्र विक्रम सिंह, कलेक्टर
बनेंगे मॉल, शाॅपिंग काॅम्पलेक्स
इन झुग्गियों के निवासियों को पीपीपी मॉडल के तहत पक्के मकान दिए जाएंगे। इसके साथ ही आवासीय परियोजनाओं में मॉल, कमर्शियल कॉम्पलेक्स और प्राइम डेवलेपमेंट भी किए जाएंगे। वहीं पार्किंग स्पेस, कम्युनिटी हॉल, दुकानें भी डेवलप की जाएंगी, जिससे आसपास के लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
छह बस्तियों को पायलेट प्रोजेक्ट में किया शामिल
नगर निगम ने पहले कलस्टर के तहत बल्लभ भवन के आसपास की छह बस्ती, जिसमें बल्लभ नगर एक और दो, ओम नगर एक और दो, भीम नगर, मालवीय नगर को चुना गया है। यहां की छह बस्तियां करीब सवा सौ एकड़ एरिया में बसी हैं, जबकि 116 इमारतें बनाने में करीब तीस एकड़ जमीन की ही जरूरत पड़ेगी।