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Bhopal News : शहर में मल्टी स्टोरी बिल्डिंगों के फ्लैट में रहने वाले लोगों को भी कराना पड़ेगा नामांतरण और डायवर्जन

Bhopal News : शहर में मल्टी स्टोरी बिल्डिंगों के फ्लैट में रहने वाले लोगों को भी कराना पड़ेगा नामांतरण और डायवर्जन

भोपाल। अब शहर में मल्टी स्टोरी बिल्डिंगों के फ्लैटों में रहने वाले लोगों को भी नामांतरण और डायवर्जन कराना पड़ेगा। दरअसल, शहर में बिल्डरों ने कई मल्टी स्टोरी बिल्डिंगों में तीस से लेकर 50-50 तक फ्लैट बनाए हैं, लेकिन इन फ्लैटों को खरीदने वाले लोगों के नाम जमीन का नामांतरण नहीं कराया गया है, जिसकी वजह से जमीन पर इन लोगों का मालिकाना हक नहीं बनता है। जिसको देखते हुए कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने शहर की सभी कॉलोनियों में नामांतरण और डायवर्जन के शिविर लगाए जाने की हिदायत दी है। 

शहर में करीब दो लाख फ्लैट और डुपलेक्स का नामांतरण किया जाना है। कॉलोनियों में लगाए जाने वाले नामांतरण के लिए संबंधित व्यक्ति को कोई शुल्क नहीं चुकाना पड़ेगा, जबकि डायवर्सन कराने के लिए शुल्क देना पड़ेगा। हालांकि नामांतरण के बाद इन फ्लैट और डुपलेक्स मालिकों के मकान का डायवर्जन भी किया जाएगा। 

कॉलोनाइजर्स के नाम दर्ज है जमीन

शहर में बनी ज्यादातर मल्टी स्टोरी बिल्डिंगों की जमीन राजस्व रिकॉर्ड में कॉलोनाइजर के नाम पर दर्ज हैं। ज्यादातर लोग कॉलोनाइजर से डुप्लेक्स और फ्लैट खरीदने के बाद रजिस्ट्री करा लेते हैं, जबकि जमीन का नामांतरण और डायवर्जन नहीं कराते हैं। लोगों को नामांतरण की जानकारी नहीं होने की वजह से बिल्डर भी इसके बारे में नहीं बताते हैं, जबकि जिस कॉलोनी में डुप्लेक्स या फ्लैट खरीदा है, वहां पर मौजूद जमीन पर रहने वाले लोगों के नाम खसरे में दर्ज होना चाहिए। 

यह हो रही गड़बड़ी

शहर सहित आसपास के क्षेत्र में कवर्ड कैंपस में बने फ्लैट और डुपलेक्स लोगों को बेच दिए जाते हैं, लेकिन राजस्व रिकार्ड में पूरी कॉलोनी कॉलोनाइजर के नाम दर्ज रहती है। हालांकि बिल्डर कॉलोनी का डायवर्जन शुल्क एक बार जमा करता है। ऐसे में प्रॉपर्टी खरीदने के बाद भी संबंधित व्यक्ति को जमीन का मालिकाना हक नहीं मिल पाता है। 

 फ्लैट मालिकों को मिलेगा मालिकाना हक

शहर में ज्यादातर मल्टी स्टोरी बिल्डिंगों में लोगों ने फ्लैट तो खरीदे हैं, लेकिन जमीन का नामांतरण और डायवर्जन नहीं कराया है। इसके साथ कवर्ड कैंपस में डुपलेक्स मालिकों ने भी नामांतरण और डायवर्जन नहीं कराया है। इसके लिए कॉलोनियों में शिविर लगाए जाएंगे, जिससे लोगों को जमीन का मालिकाना हक मिल सके। 
कौशलेंद्र विक्रम सिंह, कलेक्टर  


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