भोपाल। नई दुल्हन के ससुराल पहुंचते ही होने वाली सबसे अहम मुंह दिखाई की रस्म शनिवार को कायस्थपुरा स्थित प्राचीन बड़वाले महादेव मंदिर में धूमधाम से संपन्न हुई। मंदिर समिति के संजय अग्रवाल एवं प्रमोद नेमा ने बताया कि माता गौर का दुल्हन स्वरूप में श्रृंगार कर एक मंच पर विराजित किया गया।
जहां हजारों महिला श्रद्धालुओं ने सुहाग सामग्री व अन्य चढ़ावा चढ़ाकर माताजी का मुख निहारा एवं स्वयं के अटल सुहाग की प्रार्थना की। ढोलक की थाप पर मेरी गौरा लाडो पार्वती तेरा दूल्हा सबसे न्यारा है... मेरी प्यारी सी गौरा बनी है दुल्हनिया..., सज के बेठें हैं भोले बाबा..., ब्रह्मा विष्णु बजा रहे बाजा... अपनी तो जैसे तैसे... भांग धतूरा खाके कट जाएगी, आपका क्या होगा मेरी गौरा रानी... जैसे भजनों की स्वर लहरियों पर महिलाओं ने जमकर नृत्य किया।
छप्पन भोग व भंडारा आज
रविवार 17 मार्च को भगवान बटेश्वर व गौरा की रजत प्रतिमा का दूल्हा- दुल्हन स्वरूप में श्रृंगार कर छप्पन भोग अर्पित कर शाम 7 बजे महा आरती की जाएगी। इसके बाद रात 9 बजे से महाप्रसादी का वितरण होगा। तो वहीं 22 मार्च को होली उत्सव व माताजी की विदाई के साथ 21 दिवसीय महाशिवरात्रि महोत्सव का समापन होग।