भोपाल। आयुष विभाग में पदस्थ महिला संविदाकर्मी द्वारा अपने विभाग में 65 करोड़ का टेंडर दिलाने का प्रलोभन देकर सिक्योरिटी कंपनी के संचालक से सवा करोड़ रुपए ऐंठ लिए। पुलिस की जांच में सामने आया कि 15 लाख रुपए महिला ने अपने बैंक अकाउंट में लिए हैं। कंपनी संचालक का आरोप है कि उसने 1 करोड़ 10 लाख रुपए नगद दिए हैं। रुपए देने के बाद उन्हें टेंडर नहीं मिला। बिलखिरिया थाना पुलिस ने शिकायत की जांच के बाद आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।
कंपनी ने 2023 में मध्य प्रदेश आयुष विभाग में डाला था टेंडर
थाना प्रभारी उमेश चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना कोकता आरटीओ के पास रहने वाले धर्मवीर सिंह सेंगर सिक्युरिटी कंपनी चलाते हैं। उनकी कंपनी सेंगर सिक्युरिटी एंड सर्विसेज आॅल इंडिया में काम करती है। कंपनी ने गत वर्ष 2023 में मध्य प्रदेश आयुष विभाग में टेंडर डाला था। टेंडर दिलाने का प्रलोभन 9 बी-साकेत नगर निवासी प्रगति श्रीवास्तव पति चन्द्रप्रकाश श्रीवास्तव ने किया। प्रगति ने उन्हें विश्वास में लिया और कहा कि उनकी आयुष विभाग में अधिकारियों से पहचान है।
प्रगति उनसे दो-तीन बार मिलीं और सेंगर का आयुष विभाग में पेंडिंग बिलों का भुगतान करवा दिया। इससे उन पर भरोसा हो गया कि, वह आयुष विभाग में सिक्युरिटी एवं मेन पावर का काम दिला देंगी। इसके एवज में सेंगर से उन्होंने सवा करोड़ रुपए की मांग की थी। दरसअल, सेंगर को आयुष विभाग में 60 करोड़ का ठेका मिलने वाला था। ऐसे में उन्होंने प्रगति की बात स्वीकार ली। बात तय होने के बाद प्रगति श्रीवास्तव ने उन्हें बैंक अकाउंट नंबर देते हुए अकाउंट में 15 लाख रुपए ले लिए।
टेंडर ओपन हुआ तो सेंगर की कंपनी बाहर हो गई
प्रगति श्रीवास्तव ने कहा कि टेंडर प्रोसेस में है और आपकों ही मिलेगा, लेकिन 1 करोड़ 10 लाख रुपए नगद देने पड़ेंगे। यह राशि शिकायतकर्ता ने अपने दोस्तों से इकट्ठा कर आरटीओ ऑफिस कोकता के पास 11 अक्टूबर 2023 को प्रगति श्रीवास्तव को दी थी। पैसे मिलने के कुछ समय तक प्रगति शिकायतकर्ता से बात करती रहीं। बाद में जब टेंडर ओपन हुआ तो सेंगर की कंपनी बाहर हो गई। धर्मवीर ने प्रगति श्रीवास्तव से अपने पैसे मांगे। इस पर वह टाल-मटोल करने लगीं।