भोपाल। के तत्कालीन नवाब हमीदुल्ला खान की प्रॉपर्टी को लेकर शत्रु संपत्ति कार्यालय पिछले नौ सालों में अब तक यह पता नहीं लगा पाया है कि नवाब की प्रॉपर्टी कौन सी है। हाल ही में हरियाणा के नरेश कादयान ने जब केंद्र के प्राधिकरण सीईपीआई से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी, तो उन्हें यह लिखित में बताया गया कि विभाग अब तक नवाब की प्रॉपर्टी की जानकारी जुटा रहा है। एक्टर सैफ अली खान भोपाल के नवाब के वंशज हैं, जिनकी तीन बेटियां थीं और कोई बेटा नहीं था। उनकी दादी साजिद सुल्तान को भारत सरकार द्वारा अंतिम नवाब की निजी संपत्ति सर्फ-ए-खास की एकमात्र वारिस के रूप में मान्यता दी गई थी। यह आबिदा सुल्तान के बाद उनके पाकिस्तान चले जाने तक था। वह दिवंगत पाकिस्तानी राजनयिक शहरयार खान की मां हैं।
नए अधिनियम में नहीं अपील का प्रावधान
उल्लेखनीय है कि कसर-ए-सुल्तानी पैलेस शहरयार का जन्म स्थान है और नूर-उस-पैलेस का निर्माण आबिदा सुल्तान के लिए किया गया था और इसी तरह की संपत्तियां सीईपीआई जांच के दायरे में हैं। आबिदा सुल्तान की संपत्ति, शत्रु संपत्ति के रूप में, हाल ही में 2015 के आसपास चिन्हित की गई थीं। 2017 के नए अधिनियम में न्यायालय में अपील का कोई प्रावधान नहीं है। 13 दिसंबर को मप्र हाई कोर्ट ने भोपाल नवाब की संपत्ति को शत्रु संपत्ति घोषित करने पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया और पटौदी परिवार को सीईपीआई से संपर्क करने का निर्देश दिया। इसमें भोपाल, रायसेन, सीहोर जिलों की संपत्तियां शामिल हैं।
भोपाल में 131 प्रॉपर्टी शत्रु संपत्ति के दायरे में
भोपाल में करीब 131 प्रॉपर्टी की पहचान की गई और उन्हें जब्त करने का आदेश जारी किया गया था। दरअसल, इनमें से करोड़ों की संपत्तियां पटौदी परिवार के कब्जे में हैं और भोपाल, रायसेन और सीहोर में 2,800 एकड़ में फैली हुई हैं। तीनों जिले उस समय भोपाल राज्य का हिस्सा थे। राजस्व विभाग के अधिकारियों ने 1940 से लेकर 2016 तक के भूमि रिकॉर्ड खंगाले हैं। सीईपीआई की ओर से जिला कलेक्टर के सर्वेक्षण के बाद, चारदीवारी में नानी की हवेली नाम की केवल एक संपत्ति है, जिसका पता आबिदा सुल्तान से लगाया गया है।