भोपाल। दिवाली करीब आते ही मिलावटखोर सक्रिय हैं। बाजार में मिठाई और अन्य खाद्य सामग्री में मिलावट की आशंका बढ़ गई है। अमले ने जनवरी से अब तक 522 सैंपल लिए हैं। लेकिन इनमें से 134 सैंपल की जांच रिपोर्ट अब तक नहीं आई है। ऐसे में सैंपल अमानक निकलते हैं, तब मिलावटी खाद्य सामग्री बिक चुकी होगी। रिपोर्ट अधिकतम 14 दिनों में जारी किए जाने का नियम है। अमले के 588 सैंपल में 388 सैंपलों की जांच रिपोर्ट मिल गई है। ऐसे में 53 सैंपल फेल निकले हैं। जिसे एडीएम कोर्ट में केस पेश कर दिया गया है। सुनवाई के बाद एडीएम कोर्ट में इन कारोबारियों पर जुर्माना लगाया जाएगा। दिवाली के नजदीक आते ही खाद्य अमले ने मावा, पनीर, नमकीन और अन्य खाद्य पदार्थों की सैंपलिंग शुरु कर दी है। हाल ही में सीहोर से आई पनीर का सैंपल फेल होने के बाद डेढ़ क्विंटल पनीर नष्ट किया गया है।
दूध में मिला रहे रिफाइंड आइल
खाद्य सुरक्षा अधिकारी देवेंद्र दुबे ने बताया कि दिवाली में सबसे अधिक डिमांड दूध की रहती है। मिलावटखोर क्रीम निकाले गए दूध में रिफाइंड आइल मिला देते हैं, जिससे दूध में चिकनाई बन जाती है। इतना ही नहीं दूध में सिंघाड़े का आटा और लिक्विड ग्लूकोज भी मिला दिया जाता है। दूध बेचने वाले कुछ लोग दूध को गाढ़ा करने के लिए मिल्क पाउडर और अन्य रासायनिक पदार्थ भी मिला देते हैं। इससे लोगों की सेहत पर भी काफी असर पड़ता है।
जनवरी से सितंबर 2024 तक लिए सैंपल
कुल सैंपल - 522
रिपोर्ट मिली - 388
फेल सैंपल - 53
दूध से बनी सामग्री के फेल सैंपल- 36
पनीर के फेल सैंपल - 22
मावे के फेल सैंपल - 4
दिवाली तक जारी रहेगी सैंपलिंग
दूध के उत्पादन और उसकी पूर्ति को देखते हुए यह मिलावटी दूध और उसके उत्पादों के सैंपल अब तेजी से लिए जा रहे हैं। इनकी रिपोर्ट अधिक से अधिक 14 दिनों में आनी चाहिए। दिवाली तक सैंपलिंग जारी रहेगी।
देवेंद्र दुबे, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी