भोपाल। कोलार थाना पुलिस ने फर्जी तरीके से बैंक खाता बेचने वाले खरीदने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए युवती समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। बेचे गए खातों 2 खातों में 3 महीने के अंदर 5.56 करोड़ रुपए से ज्यादा का ट्रांजेक्शन किया था। गिरोह से 8 लाख रुपए नगद, लैपटॉप और मोबाइल समेत लाखों रुपए का सामान जब्त किया गया। गिरोह से जुड़े अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस टीम लगाई गई हैं। जानकारी के अनुसार मंदाकिनी कॉलोनी कोलार रोड स्थित बैंक ऑफ महाराष्ट्र की शाखा से कोलार पुलिस को ईमेल पहुंचा। ई मेल पर शिकायत में बताया गया कि एक खाता धारक राहुल श्रीवास्तव ने अपने बैंक खाते को बंद कराने प्रोसेस की है। इस खाता धारक के 2 खाते हैं, जिसमें पिछले 3 महीने के अंदर 5.56 करोड़ रुपए से ज्यादा का लेनदेन हुआ है। इतना बड़ा लेनदेन साइबर अपराध की तरफ इशारा करता है। इसके साथ ही करोड़ों रुपए के ट्रांजेक्शन का विवरण भी पुलिस को दिया गया था।
खाता धारक को किया तलब, हुआ खुलासा
पुलिस ने जब खाता धारक राहुल श्रीवास्तव तलब किया तो उसने बताया कि अपने दोनों खाते उसने उदयपुरा रायसेन निवासी घनश्याम सिंगरोले को 45 हजार रुपए महीने में ट्रेडिंग के लिए दिए थे। द्वारा उसे चालीस हजार रुपए का भुगतान भी किया गया है। पुलिस ने जब आगे जांच की तो पता चला कि राहुल श्रीवास्तव और उसकी पत्नी प्रीति श्रीवास्तव के नाम पर उसी बैंक में दो और अकाउंट ऑनलाइन खोले गए हैं, जिनकी जानकारी दोनों को नहीं थी। इन दोनों खातों में भी करोड़ों रुपए का लेनदेन हुआ है।
8 लाख रुपए समेत लाखों का समान जब्त
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 8 लाख रुपए नगद, 3 कार्ड स्वाईप मशीन, मशीन रोल पेपर, 6 मोबाईल फोन, 34 क्रेडिट/डेबिट कार्ड, 20 चेक, 24 चेकबुक, 6 पासबुक, सिम रैपर, 77 सिम कार्ड, 2 डायरी, 1 कापी, 12 एटीएम पिन रैपर, 1 लैपटाप, 2 वायफाय राऊटर आदि सामान जब्त किया गया है। खाता धारक राहुल श्रीवास्तव की आपराधिक संलिप्तता होने के कारण उसे भी गिरफ्तार किया गया है। उससे एक मोबाइल, 2 पासबुक और अन्य संबंधित दस्तावेज जब्त किए हैं।
युवक-युवती ने बनाए थे फर्जी दस्तावेज
घनश्याम ने राहुल को बताया कि वह करंट अकाउंट खुलवाकर देगा तो उसे और ज्यादा लाभ होगा। इसके लिए घनश्याम ने उसका संपर्क निकिता प्रजापति और नितेश शुक्ला से करवाया था। यह दोनों छत्तीसगढ़ी काॅलोनी बागसेवनिया में साथ रहते हैं। राहुल ने उनसे संपर्क किया तो दोनों ने उसकी पत्नी प्रीति श्रीवास्तव के नाम पर एक फर्जी गुमाश्ता, दुकान का स्थापना प्रमाण पत्र और फर्जी संस्थान का रजिस्ट्रेशन करवा दिया। निकिता मूलत: बुदनी जिला सीहोर की और नितेश सिंगरौली का रहने वाला है। दोनों एनके इंटर प्राइजेस के नाम से डाक्यूमेंटेशन का काम करते थे। वह लोगों के पेन कार्ड, गुमाश्ता, फूड लायसेंस, आईटीआर, जीएसटी के साथ ही करेंट एकाउंट खुलवाने का काम करते थे। बाद में यह करंट अकाउंट सुनील कुमार काकोडिय़ा और निखिल ऊंचे दामों पर बेच दिया करते थे।