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Bhopal Bus Service : 3 करोड़ का भुगतान रुकने से डिपो से बाहर नहीं आ पा रहीं 150 बसें

Bhopal Bus Service : 3 करोड़ का भुगतान रुकने से डिपो से बाहर नहीं आ पा रहीं 150 बसें

भोपाल। नगर निगम द्वारा संचालित की जा रहीं सिटी बसों का धीरे धीरे बंद होने का क्रम जारी है। अधिकारी और जनप्रतिनिधियों के बीच सामंजस्य न होने से महिला दिवस और रक्षा बंधन पर महापौर व एमआईसी के द्वारा महिलाओं को फ्री सेवा प्रदान की गई थी। उसका भुगतान प्रति सवारी के अनुसार भुगतान बस का संचालन कर रहे चारों आपरेटरों को आज तक नहीं किया गया। वहीं, डिपो में पिछले 10 माह से खड़ी  सिटी बसों का संचालन करने वाले आपरेटर मां एसोसिएट्रस का भुगतान न होने से इन बसों के सड़क पर आने की अभी कोई उम्मीद नहीं है।

इन भुगतानों को लेकर निगम अधिकारी और जनप्रतिनिधि आमने-सामने आ गए। इसका परिणाम ही है कि महापौर और एमआईसी सदस्यों के द्वारा कांग्रेस पार्षदों के साथ मिलकर अधिकारियों के खिलाफ हंगामा किया गया। अधिकारियों का आरोप है कि भुगतान बिना संचालन संभव ही नहीं है। वहीं, एमआईसी मेंबर और बीसीएलएल कंपनी के डायरेक्टर का कहना है कि अधिकारी भुगतान के बारे में आपरेटरों से चर्चा तो करें। 
अधिकारी बात ही नहीं कर रहे, जिससे बस सड़क पर चल ही नहीं पा रही हैं।  

घाटे के बाद भी भुगतान का सही आंकलन नहीं

अधिकारियों के अनुसार एमआईसी सदस्य या महापौर भुगतान का निद्रेश देते हैं, लेकिन उसमें उल्लेख नहीं रहता कि किस समय का और कौनस भुगतान है। जबरन भुगतान करने की कोशिश की जा रही है, जिससे बसों का संचालन प्रभावित हो रहा है। जबकि बसों को सुचारू रूप से संचालन के लिए शासन से सहयोग मांगा गया है।     

जनता परेशान है

बीसीएलएले डायरेक्टर मनोज राठौर के अनुसार कंपनी की सीईओ या अधिकारी की जिम्मेदारी है कि एक भी बस बंद होती है तो उसके बारे में जानकारी लें। इसके बाद उसे चालू करवाने की व्यवस्था करें। जबकि यहां तो अधिकारी जानबूझकर नजरें फेर रहे हैं। 368 में से 80 बसें ही चल रही हैं। इसका कारण भी अधिकारियों को मालूम है। इसके बाद भी समस्या का निराकरण नहीं किया जा रहा है। 


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