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भाटापारा शहर का हाल-बेहाल: लगभग एक किलोमीटर तक सड़कें लबालब,  पानी निकासी की व्यवस्था पूरी तरह ढप

भाटापारा शहर का हाल-बेहाल: लगभग एक किलोमीटर तक सड़कें लबालब,  पानी निकासी की व्यवस्था पूरी तरह ढप

भाटापारा:- लगातार हो रही बारीश ने पूरे प्रदेश के साथ भाटापारा शहर का भी हाल - बेहाल कर दिया है, भाटापारा एस डी एम कार्यालय, एस डी ओ पी कार्यालय, ग्रामीण थाना, बलौदा बाजार जाने वाली सड़क लगभग एक किलोमीटर पानी से डुबा हुआ है, बच्चे सड़क पर आने जाने वाले गाड़ियों के सामने खेल रहे है। 

पानी निकासी की व्यवस्था पूरी तरह ढप:

एक भी सरकारी नुमाईनदे सड़क पर समझाइश देने वाले नजर नहीं आए अनहोनी के इंतजार में लपरवाह प्रशासन, राष्ट्री पुरूस्कार प्राप्त भाटापारा नगर पालिका को बारीश के पानी ने स्पष्ट कर दिया की कागज पत्र में भाटापारा नगर पालिका को पुरूस्कार तो मिल गया, क्लिन स्मार्ट सिटी मिशन में भी भाटापारा नगर पालिका ने कागज पत्र में अपना स्थान बना लिया। लेकिन हकिकत आज भी निचली बस्तियो के साथ शहर के अन्य बस्तियों तथा मुख्य सड़क में बहते पानी को देखकर अंदाजा लगा सकते है कि शहर में बरसात की पानी निकासी की व्यवस्था पूरी तरह ढप है।

यही नहीं लाल बाहदुर शास्त्री वार्ड में कोलोनाईजर के द्वारा एक किसान के खेत मे सडक निर्माण कर दिया है, जिसके कारण किसान का खेत सड़क से नीचे हो गया जिसमें निकासी का कोई जगह नहीं छोड़ा गया है, जिसकी शिकायत किसान के द्वारा लगातार अधिकारियों से करने के बाद भी किसी भी अधिकारी के द्वारा समस्या का निराकरण नहीं किया जा रहा है। 

किसान के फसल खराब होने के कगार पर:

जिसके कारण किसान का खेत बरसात के दिनो मे खेत के मेड तक लबालब पानी भर जाता है। किसान को खेती के लिए कृषि बैक से पहले कर्ज की साहयता मिलती थी, लेकिन लगातार बीज व फसल पानी मे डुब जाने से कृषि बैक का पुराना कर्ज नही चुका पाने से बैक से भी किसान को सहायता मिलना बन्द हो गया है।, वर्तमान में ढाई एकड़ खेत में धान की बीज डालने के बाद लगातार बारिश से पूरा खेत व खेत के मेढ पानी से डुब चुका है लेकिन बारिश के पानी का निकासी साधन नही होने से फिर से बीज पानी मे सडने की आशंका है।

सुरक्षा का कोई इंतजाम नही:
 
भाटापारा में रेल्वे अंडर ब्रिज में संकेत बोर्ड लगा है कि सावधान अगर पानी इस लाल रेखा तक पहुच गया हो तो इस पुल का उपयोग न करें। लेकिन यह बोर्ड बहुत ही छोटा एवं अंडर ब्रिज के अन्दर कुछ दूर में लगा हुआ है, रेल्वे ने जो लाल रेखा बनाया है उस लाल रेख के लगभग दो से ढाई फिट उपर पानी छेद से निकल रहा है, लेकिन सुरक्षा का कोई इंतजाम नही किया गया है, बडी अनहोनी को संकेत दिया जा रहा है।


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