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Basant Panchami: एक लाख सेवंती पुष्प से होगा मां सरस्वती श्रृंगार : प्रमुख मंदिरों में पहुंचेंगे हजारों श्रद्धालु ...

Basant Panchami: एक लाख सेवंती पुष्प से होगा मां सरस्वती श्रृंगार : प्रमुख मंदिरों में पहुंचेंगे हजारों श्रद्धालु ...

रायपुर। देशभर में बसंत पंचमी अवसर पर ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाएगी। इस उत्तर भारत में आज तो वहीं दक्षिण भारत में कल बसंत पंचमी मनाया जाएगा। मां सरस्वती के देशभर में गिनती के ही मंदिर हैं, जहां ज्ञान की देवी प्रमुख रूप से विद्यमान हैं। इनमें से अधिकतर दक्षिण भारत में है। दक्षिण भारत के प्रमुख सरस्वती मंदिरों में से एक वारंगल स्थित श्रीविद्या सरस्वती मंदिर में सोमवार को बसंत पंचमी के अवसर पर होने वाली पूजा में 50 हजार भक्तों के पहुंचने का अनुमान है। 

बसंत पंचमी में भव्य पूजन :

सोमवार की सुबह 3 बजे से माता की आराधना के लिए कतार लगनी प्रारंभ हो जाएगी। इस आधार पर ही यहां शनिवार को ही तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है। इसके अतिरिक्त राजस्थान का पुष्कर जहां अपने ब्रहमा मंदिर के लिए मशहूर है, वहीं विद्या की देवी सरस्वती का भी प्रसिद्ध मंदिर है। यहां रविवार को ही बंसत पंचमी मनाई जाएगी। यहां भी तैयारियां पूर्ण हो चुकी हैं। पहाड़ों में स्थित इस मंदिर में भी हजारों की संख्या में भक्त पहुंचेगे। राजस्थान के अलावा मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित उत्तर भारत के अधिकतर स्थानों में आज ही सरस्वती पूजन होगा।

इतने बजे करें पूजा :

पंचांगों के मुताबिक शुभ मुहूर्त सुबह 09 :15 बजे से प्रारंभ हो जाएगी। जो सोमवार  प्रातः 06:52 मिनट तक रहने वाली है। जिसके चलते अब दोनों ही दिन बसंत मंचमी मनाया जा रहा है। बसंत पंचमी को अबूझ मुहूर्त माना जाता है। अर्थात इस दिन विशेष पूजन के लिए किसी मुहूर्त विशेष की आवश्यकता नहीं है। पूरे दिन पूजन किया जा सकता है।
 
प्रतिदिन होती हैं विशेष पूजा :
 
जानकारी के मुताबिक बसंत पंचमी पवारंगल स्थित श्री विद्या सरस्वती मंदिर में भव्य पूजन होगा। इस संदर्भ में  पंडित चंद्रशेखर शर्मा ने बताया कि यहां प्रतिदिन सरस्वती मां का अभिषेक और अलंकार प्रातः 6 बजे से प्रारंभ होता है। बसंत पंचमी के दिन तड़के 3.30 बजे पंचामृत अभिषेक के बाद अलंकार प्रारंभ होगा।

परंपरागत तरीके से होगा श्रृंगार :

पीले रंग के एक लाख सेवंती के फूलों सेसे वंती के फूलों से मां का श्रृंगार होगा। ये फूल हैदराबाद से मंगाए गए हैं। स्वर्ण और रचत मुकुट सहित आभूषण माता को धारण कराए जाएंगे। परंपरागत दक्षिण भारतीय साड़ी माता को पहनाई जाएगी। माता को 56 भोग लगाया जाएगा। यहां प्रतिदिन विद्यारंभ संस्कार सुबह-शाम होता है, लेकिन बसंत पंचमी के दिन विद्यारंभ संस्कार सुबह 6 बजे से देर शाम तक चलेगा। स्थानीय नेता नरसा रेड्डी ने बताया, यहां दूसरे राज्यों से भी भक्त पहुंचते हैं। तड़के ही कतार लगना प्रारंभ हो जाता है।


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