Asirgarh Fort Mystery : मध्यप्रदेश में ऐसे कई किले है जो अपने रहस्यमयी इतिहास के लिए जाने जाते है। इन दिनों बुरहानपुर का असीरगढ़ किला चर्चा में बना हुआ है। अफवाह है कि किले में और उसके आसपास सोने के सिक्के दबे हुए है। हाल ही में आई छावा फिल्म में भी बताया गया है कि असीरगढ़ के किले में औरंगजेब का खजाना छिपा हुआ है। इसी के चलते लोग सोने के सिक्कों की तलाश में खेतों में खुदाई करने पहुंचे थे। जिनके कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे।
किसने बनवाय किला?
इतिहास के पन्नों को पलटा जाए तो पता चला है कि असीरगढ़ के किले को 9वीं—10वीं शताब्दी में बनाया गया था। इस किले का निर्माण अहीर राजा असीराज ने करवाया था। इसी के चलते किले का नाम असीरगढ़ पड़ा। कहते है। इस किले पर मराठो, अंग्रेजों और मुगलों का शासन रहा। 1600 ईस्वी में अकबर ने किले पर कब्जा किया था। इसके बाद यह किला मराठों के पास रहा, इसके बाद 1819 में अंग्रेजों ने अपनी कब्जे में ले लिया था।
किले में मस्जिद और मंदिर
असीरगढ़ का किला बुरहानपुर से लगभग 20 किमी दूर पर स्थित है। यह किला तीन भागों में बटा हुआ है। किले के अंदर एक मस्जिद, एक शिव मंदिर और एक महल है। यह किला लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। इस किले को दक्षिण का द्वार भी कहा जाता है। कहते है कि जब यह किला औरंगजेब के कब्जे में था तब उन्होंने अपना खजाना इसी किले में दबा के रखा था।
औरंगजेब का दबा खजाना?
कहते है कि अकबर जब असीरगढ़ के किले में आया था तो उसे किले में खजाना मिला था। जिसमें सोने और चांदी के सिक्के थे। स्थानीय लोगों का मानना है कि किले में आज भी किसी गुप्त जगह या फिर किले के तहखाने में खजाना छिपा हो सकता है। बताया यह भी जाता है कि जब यह किला अंग्रेजों के अधीन था तब अंग्रेजों ने किले में खुदाई कराई थी, लेकिन खजाना मिला या नही मिला यह स्पष्ट नही है।
छावा फिल्म में दिखाया खजाना
हाल ही में आई फिल्म छावा में बताया गया है कि औरंगजेब ने असीरगढ़ के किले में अपना ठिकाना बनाया था। उसने इसी किले में सोने के सिक्के और खजाना दबा के रखा था। इतिहास के पन्नों में यह भी बताया जाता है कि बुरहानपुर के अतीर में सोने की खान हुआ करती थी। यहां सोने के सिक्कों का निर्माण किया जाता था। ऐसे में इस बात से मुकरा नहीं जा सकता की असीरगढ़ के किले में सोना दावा है कि नहीं।
शासकों ने क्यों किया किले पर कब्जा?
असीरगढ़ का किला एक पहाड़ी पर बना हुआ है। किले के चारों ओर गहरी खाईयां है। खाई होने के चलते दुश्मन इस किले तक नहीं पहुंच पाता था। इसी के चलते शासक बारी बारी से किले पर कब्जा जमाते गए और अपना ठिकाना बनाते गए।