Acharya Satyendra Das : उत्तर प्रदेश के अयोध्या राम मंदिर के प्रमुख पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का 12 फरवरी, बुधवार को निधन हो गया। 80 वर्षीय सत्येंद्र दास ने लखनऊ के PGI अस्पताल में अंतिम सांस ली। 13 फरवरी, गुरुवार को उनका पार्थिव शरीर पालकी में रखा गया और लता मंगेशकर चौक से होते हुए सरयू घाट तक लाया गया। इसके बाद संत तुलसीदास घाट पर उन्हें जल समाधि दी गई।
अंतिम दर्शन करने पहुंचे भक्त:
Acharya Satyendra Das : आचार्य का पार्थिव शरीर अयोध्या लाया गया था, जहां लोग उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए आ रहे हैं। गुरुवार सुबह, राज्यमंत्री सतीश शर्मा और अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद ने आचार्य को श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा, सदर विधायक वेद प्रकाश गुप्ता और अन्य भाजपा नेता, संत समाज के सदस्य भी पुष्पांजलि अर्पित करने पहुंचे।
1958 में अयोध्या आकर की अपनी पढ़ाई पूरी:
Acharya Satyendra Das : आचार्य सत्येंद्र दास 1958 में अयोध्या आए और यहीं अपनी पढ़ाई पूरी की। 1975 में उन्होंने संस्कृत विद्यालय से आचार्य की डिग्री प्राप्त की। 1976 में उन्हें संस्कृत डिग्री कॉलेज में असिस्टेंट टीचर की नौकरी मिली। 1 मार्च 1992 को उन्हें राम मंदिर के मुख्य पुजारी के रूप में नियुक्त किया गया, और तब उन्हें हर महीने 100 रुपए वेतन मिलते थे। 2019 में अयोध्या के कमिश्नर के आदेश पर उनका वेतन बढ़ाकर 13 हजार रुपए कर दिया गया था।
1 मार्च 1992 को बने थे राम मंदिर के मुख्य पुजारी :
Acharya Satyendra Das Death: 1992 में राम मंदिर के मुख्य पुजारी लालदास थे, और उस समय राम जन्मभूमि की व्यवस्था की जिम्मेदारी एक रिटायर जज पर होती थी। जेपी सिंह उस समय बतौर रिसीवर नियुक्त थे। फरवरी 1992 में जेपी सिंह का निधन हो गया, जिसके बाद राम जन्मभूमि की देखरेख का जिम्मा जिला प्रशासन को सौंपा गया। इसी दौरान पुजारी लालदास को हटाने का प्रस्ताव सामने आया, और 1 मार्च 1992 को आचार्य सत्येंद्र दास की राम मंदिर के मुख्य पुजारी के रूप में नियुक्ति की गई।