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बालोद जिले का ऐसा गांव जहां रावण की आज भी होती है पूजा, गांव में बना है 15 फ़ीट की मूर्ति, जानें क्या है इसके पीछे की कहानी

बालोद जिले का ऐसा गांव जहां रावण की आज भी होती है पूजा, गांव में बना है 15 फ़ीट की मूर्ति, जानें क्या है इसके पीछे की कहानी

रिपोर्टर - राहुल भूतड़ा // बालोद।
बालोद जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर गुरुर ब्लाक के ग्राम तार्री में रावण की कोर्ट पेंट पहने मूर्ति बनाई गयी है। एक तरफ रावण के इस मूर्ति की स्थापना की गई है तो वहीं दूसरी ओर भगवान राम का मंदिर भी बनाया गया है। आपको बता दें कि यहां लोग रावण को अत्यधिक ज्ञानी पंडित मानते हुए दशहरा पर्व पर रावण की पूजा करते हैं वहीं राम भगवान को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक मानकर उनकी भी पूजा की जाती है। लम्बे समय से रावण की मूर्ति बनी होने के कारण जर्जर हो चुकी है। इस परम्परा को बनाये रखने के लिए ग्रामीण अब नई मूर्ति की स्थापना करने वाले है जिसे अन्य जगह पर लगाया जायेगा। 

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एक तरफ प्रभु राम जानकी मंदिर दूसरी तरफ रावण की प्रतिमा 

कई कलाओं में निपुण और ज्ञानी था रावण 


बालोद जिले के गुरुर ब्लाक के ग्राम तार्री में पिछले कई सालों से रावण की मूर्ति की पूजा की जाती है। यहां के ग्रामीण बताते हैं कि उनके पूर्वजों के समय पहले मिट्टी के रावण बनाकर उसकी पूजा की जाती थी। बाद में फिर धीरे से सीमेंट की स्थाई प्रतिमा बनाई गई और अब दशहरे के दिन रावण की पूजा करते हैं। ग्रामीणों का मानना है कि रावण सबसे ज्यादा ज्ञानी पंडित था जो सभी कलाओं में निपुण था. रावण जितना ज्ञानी कोई नहीं हो पाया, इस वजह से उनके पूर्वज से लेकर अब तक रावण की पूजा की जाती हैं तो वहीं रोड के दूसरी तरफ भगवान राम का भी मंदिर बनाया गया हैं। लोगों का कहना है कि रावण ज्ञानी तो था ही लेकिन बुराई पर अच्छाई की जीत भी हुआ है जहां भगवान राम एक आदर्श माने जाते हैं और ऐसे में राम की भी पूजा की जानी थी जिस वजह से ग्रामीणों ने फिर बाद में राम भगवान की मंदिर का निर्माण कराया। 

जल्द ही नवीन मूर्ति का होगा निर्माण 


इस गांव में लोग बच्चों को रावण की ज्ञान की कहानी भी सुनाते हैं वही रामलीला का मंचन कर रावण दहन भी किया जाता है। मूर्ति का निर्माण 100 से अधिक वर्ष पहले किया गया था लेकिन जर्जर हो चुके मूर्ति का नवनिर्माण आर्थिक कारणों से विलंब हो रहा है लेकिन जब भी रावण की दूसरी मूर्ति बनेगी इसी तरह पेंट कोर्ट वाली मूर्ति का निर्माण किए जाने की बात ग्रामीण कह रहे है। 
 


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