सोमा शर्मा// राजिम। कार्तिक पुर्णिमा के अवसर पर प्रदेश के प्रयागराज कहे जाने वाले राजिम के त्रिवेणी संगम में सुबह से ही भक्तों का मेला लगा हुआ है। श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में तड़के डुबकी लगाकर स्नान करके नदी में दीप दान कर रहे हैं। दीप दान के बाद त्रिवेणी संगम के बीचों बीच स्थित कुलेश्वर महादेव की पूजा अर्चना करके भगवान राजीव लोचन पहुंच रहे हैं।
कार्तिक पुर्णिमा दूसरा सबसे बड़ा मेला :
नदी के तट पर सुबह से ही मेला का माहौल है,दूर दूर से आने वाले श्रद्धालु पूजा अर्चना के बाद वही खाना बनाना और शाम को लगने वाले नदिया मेला का आनंद लेकर वापस लौटते है। फरवरी में होने वाले माघी पुन्नी मेला जिसे कल्प कुंभ भी कहा जाता है उसके पहले आज का यह कार्तिक पुर्णिमा का दूसरा सबसे बड़ा मेला होता है। जो शाम को प्रारंभ होगा।
ये है महत्व:
हरी मतलब राजीव लोचन हर मतलब कुलेश्वर महादेव के साथ तीन नदियों (सोंधूर, महानदी और पैरी) का संगम होने के कारण यहां का महत्व बढ़ जाता है। माघ पुर्णिमा के मेले की तरह आज के कार्तिक पुर्णिमा मेला का भी विशेष महत्व है। प्रदेश के गावों में होने वाले मड़ई मेले की शुरुआत भी आज से होगी।