रायपुर। छत्तीसगढ़ के साहित्यकार विनोद शुक्ल को नई दिल्ली में ज्ञानपीठ का पुरस्कार से नवाजा गया है। ये पुरस्कार भारतीय भाषाओं में अनुकरणीय लेखन के लिए दी जानी वाली सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार है। यह पुरुष्कार पहली बार किसी छत्तीसगढ़ के साहित्यकार मिलेगा। जो छग के लिए काफी गौरव की बात है। बता दें विनोद कुमार शुक्लहिंदी भाषा में ज्ञान पीठ पुरस्कार पाने वाले बारहवें साहित्यकार है। शुक्ल का नाम नई दिल्ली में ज्ञानपीठ चयन समिति के द्वारा चयन किया गया है। विनोद शुक्ल हिंदी के कथाकार और शीर्ष कवि हैं।
इन रचनाओं पर बनी फिल्म :
उनकी लिखी 'नौकर की कमीज' पर पहले फिल्म बन चुकी है। इसके अलावा मणि कौल द्वारा 1999 में 'नौकर की क्रमीज़' पर फ़िल्म का निर्माण। अमित दत्ता के निर्देशन में 'आदमी की औरत' और 'पेड़ पर कमरा' सहित कुछ कहानियों पर भी फ़िल्म बनी है वहीं इससे पहले 'आदमी की औरत' को वेनिस फ़िल्म फ़ेस्टिवल को 66वें समारोह (2009) में स्पेशल इवेंट पुरस्कार मिला था। और वह निराला सृजनपीठ में 1994 से 1996 तक अतिथि साहित्यकार रहे।
सीएम ने दी बधाई :
वहीं सीएम विष्णुदेव साय ने भी साहित्यकार विनोद शुक्ल को ज्ञानपीठ पुरस्कार मिलने पर X अकॉउंट पर ट्वीट कर बधाई दी है। सीएम ने लिखा कि, देश के प्रख्यात कवि एवं उपन्यासकार विनोद कुमार शुक्ल जी को प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किए जाने के समाचार पर मिला। छत्तीसगढ़ के लिये ये गौरव की बात है। आदरणीय शुक्ल जी को अशेष बधाई। विनोद शुक्ल जी ने एक बार पुनः छत्तीसगढ़ को भारत के साहित्यिक पटल पर गौरवान्वित होने का अवसर दिया है। उनके स्वस्थ और सुदीर्घ जीवन की कामना।