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कौन है 25 लाख का इनामी नक्सली Prabhakar Rao जिसने छत्तीसगढ़, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में मचाया था दहशत, जानिए आतंक की पूरी कहानी 

कौन है 25 लाख का इनामी नक्सली Prabhakar Rao जिसने छत्तीसगढ़, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में मचाया था दहशत, जानिए आतंक की पूरी कहानी 

रायपुर। छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियान में पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है। कांकेर जिले में सुरक्षाबलों ने 25 लाख रुपये के इनामी नक्सली प्रभाकर राव उर्फ बालमूरी नारायण राव को गिरफ्तार कर लिया है। इस गिरफ्तारी के बाद राज्य और देश में लोगो के अंदर जिज्ञासा का जन्म हुआ की आखिर कौन है ये प्रभाकर उर्फ़ बालमूरी नारायण राव चलिए नज़र इस कुख्यात नक्सली के जीवन में जिसने छत्तीसगढ़, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के इलाकों में अपना दहशत मचा रखा था, 

40 वर्षों से नक्सली संगठन में सक्रिय था

प्रभाकर राव नक्सली संगठन में एक सीनियर कैडर था और उत्तर बस्तर सब जोनल ब्यूरो में लॉजिस्टिक सप्लाई और MOPOS (मोबाइल पॉलिटिकल स्कूल)  टीम का इंचार्ज था। प्रभाकर राव पिछले 40 वर्षों से नक्सली संगठन में सक्रिय था और उसके खिलाफ छत्तीसगढ़ सहित कई अन्य राज्यों में दर्जनों अपराध दर्ज हैं। वह नक्सली संगठन के कई शीर्ष नेताओं का करीबी सहयोगी था। उसकी पत्नी भी एक नक्सली है और रावघाट एरिया कमेटी की प्रभारी है।

कुख्यात नक्सली के करियर timeline पर अब एक नज़र डालते हैं 

नक्सली का नाम- प्रभाकर उर्फ बालमूरी नारायण राव
उम्र- 57 साल, निवासी - ग्राम बीरपुर, जिला जगित्याल, तेलंगाना राज्य
>साल 1984 से नक्सल संगठन में पार्टी सदस्य के रूप में भर्ती
>साल 1984-1994 तक अविभाजित राज्य आंध्रप्रदेश में नक्सली संगठन में सक्रिय
>साल 1995-1997 तक बालाघाट क्षेत्र (मध्यप्रदेश) में सक्रिय
>साल 1998-2005 तक उत्तर बस्तर, कोयलीबेड़ा क्षेत्र में सक्रिय
>साल 2005-2007 DKSZC Supply team & Urban network का काम
>साल 2007-2008 मानपुर-मोहला क्षेत्र में सक्रिय
>साल 2008-2024 वर्तमान समय तक- DKSZC Supply एवं MOPOS (मोबाइल पॉलिटिकल स्कूल) का प्रभारी

कैसे धराया कुख्यात नक्सली प्रभाकर 


पुलिस को मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर बड़ी कार्रवाई करते हुए नक्सली कमांडर प्रभाकर राव को गिरफ्तार किया है। कांकेर जिले के अंतागढ़ थाना क्षेत्र में 22 दिसंबर को यह कार्रवाई की गई, जहां पुलिस ने नाकाबंदी कर प्रभाकर राव उर्फ बालमूरी नारायण राव को दबोच लिया। एएसपी संदीप पटेल ने बताया कि इस कार्रवाई में पुलिस को महत्वपूर्ण सफलता मिली है। नक्सली गतिविधियों में सक्रिय प्रभाकर राव की गिरफ्तारी के बाद उससे पूछताछ की जा रही है, जिससे कई अहम जानकारियां मिलने की संभावना है। पुलिस की इस कार्रवाई को नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियान की बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।

जंगलों में बिछाया है लैंड माइंस

विष्णु देव साय सरकार के इस अभियान के चलते नक्सली संगठन को एक बड़ा झटका लगा है। प्रभाकर राव के गिरफ्तार होने से नक्सली संगठन की गतिविधियों में बाधा आएगी और सुरक्षा बलों को नक्सलवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में मजबूती मिलेगी ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था लेकिन पिछले कुछ दिनों से बस्तर के इलाकों से खबर आने लगी है की गाँव वालो को नक्सलियों ने धमकाया है की पूरे जंगलों के इलाकों में लैंड माइंस हैं और इसी पैतरे से नक्सलियों ने सरकार के विकास कार्यों में बाधा दाल दी है और गाँव वालों के मन में डर, इस लैंड माइन वाली खबर को हमने विस्तृत तौर पर बनाया है.  

2026 तक नक्सलवाद समाप्त कर दिया जाएगा- गृहमंत्री शाह 

प्रभाकर राव की गिरफ्तारी से यह भी साफ हो गया है कि सुरक्षा बल नक्सलवाद के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में सुरक्षा बलों ने कई नक्सलियों को गिरफ्तार किया है और उनके ठिकानों को ध्वस्त किया है। इससे नक्सली संगठन कमजोर हुआ है और इसका दायरा भी सिकुड़ गया है। इसका श्रेय मुख्य रूप से विष्णु देव साय के नेतृत्व को जाना चाइये और साथ ही केंद्र सरकार की आश्वासन प्रक्रिया को भी, इस घटना के बाद छत्तीसगढ़ की जनता आशापूर्ण है की गृहमंत्री Amit shah  का कहना की 2026 तक नक्सलवाद समाप्त कर दिया जाएगा का कथन सिर्फ जुमला नहीं है.

हालांकि, नक्सलवाद अभी भी एक बड़ी समस्या है। नक्सली संगठन अभी भी कई इलाकों में सक्रिय है और वे सुरक्षा बलों को चुनौती लगातार देते रहते हैं। सरकार को नक्सलवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई के लिए रणनीतिक को और मज़बूत करना होगा। साथ ही, सरकार को सुरक्षा बलों को बेहतर हथियार और उपकरण उपलब्ध कराने होंगे ताकि वे नक्सलियों का मुकाबला कर सकें। नक्सलवाद एक जटिल समस्या है और इसे खत्म करने में समय लगेगा। लेकिन, सरकार और सुरक्षा बलों के लगातार प्रयासों से नक्सलवाद को खत्म किया जा सकता है। धरातल पर इसकी सच्चाई अब दिखने लगी है.

छत्तीसगढ़ में नक्सली प्रभाकर राव की गिरफ्तारी एक बड़ी सफलता है। हम सभी नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में अपना योगदान दे सकते हैं। हम नक्सलवाद के खिलाफ जागरूकता फैला सकते हैं, सरकार को नक्सलवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई के लिए नयी नयी रणनीति का प्रयोग और स्थानीय लोगों का विश्वास जीतना होगा ताकि नक्सली विरोधी अभियान में गाँव के लोग अपना योगदान दे सकें।


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