गणेश मिश्रा// बीजापुर: बस्तर में अब माओवाद के पांव उखड़ने लगे हैं। केंद्र और राज्य सरकार के समन्वित प्रयास से बीते चार दशक से मुख्य रूप से माओवाद का दंश झेल रहे बीजापुर, सुकमा जिले के बीहड़ इलाके में सुरक्षा बलों की तेजी से बढ़ती दखल ने नक्सल संगठन को पूरी तरह से कमजोर कर दिया है।
रणनीतिक केंद्र के तौर पर करता है काम:
नक्सलवाद के खिलाफ सरकार नई नीति पर काम कर रही है। बीते एक साल में अतिमाओवाद ग्रस्त बीजापुर-सुकमा के सरहदी इलाकों को केंन्द्रित करते हुए फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (FOB) खोले गए हैं। एफओबी से आशय एक सुरक्षित सैन्य स्थिति होती है। यह एक रणनीतिक केंद्र के तौर पर काम करता है। युद्धग्रस्त इलाकों में इसके दायरे में अस्पताल, स्कूल, राशन दुकान समेत अन्य लॉजिस्टिक सुविधाएं विकसित की जाती हैं।
कौरगुट्टा एफओबी में INH24x7 की टीम ने जाना हाल :
INH24x7 ने माओवाद के खात्मे और विकास को लेकर नई नीति को ना सिर्फ करीब से देखा बल्कि दर्शकों के बीच एक्सक्लूसिव तस्वीरें भी लेकर आई है जिसमें आप देख और समझ सकते हैं कि आखिर नक्सल मोर्चे पर जवान किन विकट परिस्थितियों का सामना करते हुए ना सिर्फ माओवाद का खात्मा कर रहे हैं बल्कि अब तक सरकार और प्रशासन की पहुंच से दूर बीहड़ इलाकों में अभावग्रस्त आदिवासियों के जीवन कैसे बदलाव ला रहे हैं। बीजापुर जिला मुख्यालय से करीब 80 किमी दूर कौरगुट्टा एफओबी में INH24x7 ने जवानों और अफसरों के साथ एक रात एक दिन बिताने के साथ मौजूदा परिस्थितियों को लेकर ना सिर्फ उनसे चर्चा की बल्कि माओवाद के खात्मे के लिए सरकार की पॉलिसि, खाका को करीब से जानने, समझने का प्रयास भी किया।