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'हमें NRI कोटे का धंधा बंद कर देना चाहिए': 'NRI मामा, चाचा, मौसा तक के नाम पर एडमिशन', सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी

'हमें NRI कोटे का धंधा बंद कर देना चाहिए': 'NRI मामा, चाचा, मौसा तक के नाम पर एडमिशन', सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी

नई दिल्ली:  सुप्रीम कोर्ट ने NRI कोटे के संबंध में कड़ी टिप्पणियां की हैं, कोर्ट ने कि हमें NRI कोटे का धंधा बंद कर देना चाहिए, क्योंकि यह पूरी तरह से धोखाधड़ी का एक रूप है। कोर्ट ने चिंता व्यक्त की कि हमारी शिक्षा प्रणाली का क्या हाल हो रहा है। इसने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा मेडिकल दाखिले के लिए NRI कोटे की परिभाषा को विस्तारित करने वाली अधिसूचना को रद्द करने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया।

पैसा उगाहने का तरीका बताया

सुनवाई के दौरान, मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हमें धोखाधड़ी को खत्म करने की आवश्यकता है। उन्होंने उच्च न्यायालय के आदेश को पूरी तरह सही बताया और इसके हानिकारक परिणामों पर ध्यान दिलाया, जैसे कि जिन उम्मीदवारों के अंक तीन गुना अधिक हैं, उन्हें दाखिला नहीं मिल रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार को लाइन में आने की सलाह दी और कहा कि अजीबोगरीब तथ्यों को कानून के कुछ सिद्धांतों के अनुसार होना चाहिए।

NRI मामा, चाचा, मौसा तक के नाम पर एडमिशन: 

हम कानून के सिद्धांतों को स्पष्ट करेंगे। जज अच्छी तरह जानते हैं कि उन्हें किन मुद्दों का सामना करना है। उच्च न्यायालय ने इस मामले को बारीकी से निपटाया है। जस्टिस जेबी पारदीवाला ने बताया कि सभी उम्मीदवार भारत के नागरिक हैं और उनके रिश्तेदार केवल ताई, ताऊ, चाचा, चाची आदि हैं। वहीं, वकील ने यह भी कहा कि सभी याचिकाकर्ता एक वर्ष का समय खो देंगे।

क्या है पूरा मामला : 

बाबा फरीद यूनिवर्सिटी और हेल्थ साइंसेज ने चंडीगढ़ और पंजाब राज्य की ओर से मेडिकल यूजी कोर्सेज में दाखिले के लिए एक प्रोस्पेक्टस जारी किया था, जिसमें यूजी कोटे की अंतिम तिथि 16 अगस्त और पंजाब राज्य के लिए 15 अगस्त बताई गई थी। याचिका में यह आरोप लगाया गया है कि प्रदेश सरकार ने फॉर्म सबमिट होने के बाद 20 अगस्त को दाखिले की प्रक्रिया में बदलाव किया। इसके अलावा, एनआरआई कोटे के नियमों में भी परिवर्तन किया गया। शिकायत यह है कि एनआरआई कोटे की सीटें खाली रहने पर अन्य उम्मीदवारों को एनआरआई कोटे के माध्यम से एमबीबीएस में दाखिला दे दिया गया।


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