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MP BJP Politics : सीधी, सागर, ग्वालियर बीजेपी में जंग, जमकर गुटबाजी शुरू

MP BJP Politics : सीधी, सागर, ग्वालियर बीजेपी में जंग, जमकर गुटबाजी शुरू

MP BJP Politics : (विकास जैन भोपाल) मध्यप्रदेश की सियासत में खबरे आती रही है कि कांग्रेस में गुटबाजी है। गुटबाजी के चलते कांग्रेस का जनाधार गिरता जा रहा है, लेकिन अब मध्यप्रदेश बीजेपी में भी ऐसे ही कुछ हालात नजर आने लगे है। प्रदेश के मालवा बीजेपी में जंग छिड गई है। तो वही बुंदेलखंड इससे अछूता नहीं है। ग्वालियर चंबल में भी हालात कुछ ऐसे नजर आने लगे है। विंध्य भी अब इस कड़ी में शामिल हो चुका है। समस्या एक ही है, दिग्गजों के होने के बाद भी अपने चहेतों को पद नहीं मिला। 

जिलाध्यक्ष नियुक्तियां बनी कलह का कारण

दरसअल, जिलाध्यक्षों की नियुक्तियों के बाद से प्रदेश के कई जिलों में मनमुटाव, गुटबाजी आपसी कलह देखने को मिल रही है। हालात ऐसे हो गए है कि नेता एक दूसरे पर निशाना साधने लगे है। विंध्य के देवतालाब विधायक गिरीश गौतम और मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल के बीच आपसी टकराब पैदा हो गया। मामला था एक नाबालिग के अपहरण की शिकायत का। टकराब इतना हो गया की मामला आलाकमान दरबार तक पहुंच गया। 

विंध्य में पाठक बर्सेस डिप्टी सीएम

इतना ही नही बीते दिनों विधायक रीति पाठक ने सीधे डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल पर निशाना साध दिया। रीती पाठक ने भरे मंच से डिप्टी सीएम शुक्ल का नाम लेकर खुलकर कह दिया की वो रीवा के साथ-साथ सीधी का भी विकास करें। रीति पाठक यहीं नहीं रूकी उन्होंने सात करोड़ की राशि के गायब का भी आरोप जड़ दिया। 

बुंदेलखंड, मालवा और ग्वालियर में घमासान

वही विंध्य से पहले बुंदेलखंड, मालवा और ग्वालियर चंबल बीजेपी में घमासान मचा हुआ है। बुंदेलखंड के सागर में बीजेपी के तीन दिग्गज आमने सामने हैं। एक समय था जब सागर में गोपाल भार्गव और भूपेंद्र सिंह की तूती बोलती थी, लेकिन जिले से गोविंद सिंह राजपूत की धमक और प्रदेश से शिवराज की विदाई के बाद से दोनों नेताओं का सिक्का कमजोर हो गया। एक और ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक गोविंद सिंह है तो दूसरी और भूपेंद्र सिंह और गोपाल भार्गव शिवराज सिंह चौहान के समर्थक है। 

मालवा में सिंधिया भारी 

ग्वालियर चंबल की बात करे तो यहां एक गुट नरेंद्र तोमर का तो दूसरा ज्योतिरादित्य सिंधिया का गुट बनता दिख रहा है। जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में तोमर पर सिंधिया भारी पड़े है। यही हाल मालवा में भी है। कैलाश विजयवर्गीय बीजेपी के दिग्गज नेता है। पूरे मालवा में उनका सिक्का चलता है, लेकिन जिलाध्यक्ष की राजनीति में वे अब घिरे हुए है। सबसे ज्यादा भारी सिंधिया समर्थक तुलसी सिलावट बने हुए है। जिसके चलते बीजेपी में गुटबाही की कलह हावी हो गई है। 

कुल मिलाकर मंत्री, विधायक, सांसद और स्थानीय नेता हर स्तर पर एक दूसरे पर हावी होने लगे है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बीजेपी को समय रहते इस समस्या से निपटना होगा, नहीं तो इन अंचलों में पार्टी को आने वाले चुनावों में नुकसान उठाना पड़ सकता है।


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