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Van Vihar National Park Bhopal : गुजरात के जूनागढ़ से एक हजार किमी का सफर तय करके भोपाल पहुंचा शेर का जोड़ा

Van Vihar National Park Bhopal : गुजरात के जूनागढ़ से एक हजार किमी का सफर तय करके भोपाल पहुंचा शेर का जोड़ा

भोपाल। वन विहार नेशनल पार्क आने वाले पर्यटकों के लिए अच्छी खबर है। शनिवार को करीब 1 हजार किमी का सफर तय कर गुजरात के जूनागढ़ से शेर का जोड़ा वन विहार पहुंचा। पिंजरा खुलते ही लॉयन ने अपने हाउस में छलांग लगा दी। हालांकि, पहले वे थोड़े डरे-सहमे नजर आए, लेकिन फिर इधर-उधर मंडराने लगे। खाने के लिए उन्हें मीट भी दिया गया। इन्हें 21 दिन तक क्वारेंटाइन रखा जाएगा। इसके बाद सिंह के दीदार लोग कर सकेंगे।

तीन साल ही उम्र 

वन विहार के डिप्टी डायरेक्टर एसके सिन्हा ने बताया कि शनिवार शाम साढ़े 4 बजे दोनों लॉयन को लेकर गाड़ी वन विहार पहुंची। जैसे ही इनकी एंट्री हुई, वन विहार में उत्सवी माहौल हो गया। इसके बाद उन्हें सीधे बाड़े में अलग-अलग रखा गया। नर और मादा सिंह की उम्र करीब 3 साल है। 

पांच दिन में गुजरात से राजधानी पहुंचे लॉयन

वन विहार का 9 सदस्यीय दल 17 दिसंबर को जूनागढ़ के सक्करबाग चिड़ियाघर में लॉयन को लेने पहुंचे थे, जो 21 दिसंबर की शाम को भोपाल पहुंच गए। इस टीम में वन विहार के इकाई प्रभारी पर्यटन एव सहायक वन्यप्राणी चिकित्सक भी शामिल थे। दल के लौटने पर डायरेक्टर मीना अवधेशकुमार भी मौजूद रहे।

अब पांच हो गई सिंह की संख्या

अब तक वन विहार में 3 सिंह थे। जिनमें सत्या, गंगा और नदी शामिल हैं। नंदी और सत्या नंदन कानन चिड़ियाघर से लाए गए थे। अब 2 शेर और आ गए हैं। इसके बाद यहां 2 नर और 3 मादा सिंह हो गई है।

गुजरात ने 16 साल बाद मानी है बात

गुजरात ने वन विहार नेशनल पार्क की बात 16 साल बाद मानी और चार साल के युवा सिंह का जोड़ा दिया है। इसके बदले में बांधवगढ़ नेशनल पार्क से लाए गए बाघ बी-2 और बाघिन बंदनी सक्करबाग चिड़ियाघर भेजे हैं। इनकी उम्र क्रमश: 7 और 6 साल है। 2006 से गिर के सिंह लाने के प्रयास चल रहे थे। केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के निर्देश के बाद भी गुजरात वन विभाग व चिड़ियाघर प्रबंधन युवा बाघों के बदले बूढ़े सिंह देने की पेशकश कर रहा था। वन विहार प्रबंधन ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।


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