VALENTINES DAY : आरिया ऑफ़ जेकोबस डी वॉरजिन नाम की पुस्तक की मुताबिक रोम के एक पादरी थे संत वेलेंटाइन जिन्होंने प्यार को बढ़ावा दिया था । संत वेलेंटाइन के बलिदानी का प्रतीक है वेलेंटाइन डे अज के दिन कोई भी प्रेमी अपने साथी से अपने प्यार का इजहार करता है।
संत वेलेंटाइन दुनिया में प्यार को बढ़ावा देने में मान्यता रखते थे। उनके लिए प्रेम में ही जीवन था। लेकिन इसी शहर के एक राजा क्लाडियास को उनकी ये बात पसंद नहीं थी। राजा को लगता था की प्रेम और विवाह से पुरुषों की बुद्धि और शक्ति नष्ट होती थी। इसी वजह से उसके राज्य में सैनिक और अधिकारी शादी नहीं कर सकते थे। संत वेलेंटाइनने राजा के इस आदेश का विरोध किया और रोम के लोगों को प्रेम और विवाह के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कई सैनिको और अधिकारीयों की शादी भी कराई थी।
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इस बात से वहां के राजा भड़क गए और संत को फांशी पर चढवा दिया जिसके बाद से उस दिन को हर साल प्यार के दिन के टूर पर मनाया जाता है कहा जाता है की संत ने अपने अंतिम समय में जेलर की नेत्रहीन बेटी को अपनी आँखे दान की। संत ने जैकोबोस को पत्र भी लिखा था जिसमे लिखा था यह था तुम्हारा वेलेंटाइन। यह प्यार के लिए बलिदान होने वाले संत वेलेंटाइन की कहानी। तब से प्रतिवर्ष 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे के रूप में माने जाता है आज के दिन सभी प्रेमी अपने साथी से प्यार का इजहार करते है।
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