रायपुर : छत्तीसगढ़ में पंचायत चुनाव और नगरीय निकाय इस बार एक साथ संपन्न होगी। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और नगरीय निकाय चुनाव की आरक्षण प्रक्रिया 30 दिसंबर तक पूरी हो जाएगी। जिसके बाद 31 दिसंबर को आचार संहिता लागू हो सकती है। राज्य में निर्वाचन चुनाव का हो ऐलान सकता है। ऐसे में आरक्षण प्रक्रिया प्रक्रिया के बाद कभी भी आचार संहिता जारी हो सकती है।
प्रत्याशियों के लिए खर्च की सीमा तय :
राज्य सरकार ने बुधवार को नगर पालिका परिषद और नगर निगम में महापौर पद के प्रत्याशियों के लिए खर्च की सीमा तय कर दिया है। जिसके तहत महापौर पद के उम्मीदवार के लिए राजधानी रायपुर नगर निगम में 25 लाख रुपए खर्च कर सकेंगे। वहीं जनसंख्या वाले नगर निगम में 3 से 5 लाख तक और 20 लाख रुपए की सीमा प्रत्याशी के लिए तय की गई है। इसके अलावा 3 लाख से कम जनसंख्या वाले निगम प्रत्याशी इस दौरान 15 लाख तक पैसे खर्च करने की सीमा निर्धारित की गई है।
निकायों में आरक्षित घोषित :
नगरीय निकायों में तीनों ही चुनाव के लिए 15-15 वार्ड बनाए जाएंगे। इसके आरक्षण प्रक्रिया के लिए मीडिया के समक्ष और जिला कलेक्टर लीना मंडावी की मौजूदूगी में सभी दलों के नेताओं के आरक्षण की प्रक्रिया खत्म हुई।जिला कलेक्टर लीना मंडावी की मौजूदूगी में सभी दलों के नेताओं और मीडिया के समक्ष आरक्षण की प्रक्रिया खत्म हो गई है। प्रत्येक में 5 वार्ड के लिए तीनों निकायों में आरक्षित घोषित किया है। ऐसे में राज्य स्तर पर होने वाली निकायों के अध्यक्षों के आरक्षण पर अब सबकी नजर टिकी हुई है।
इस दिशा में गंभीरता से प्रयास कर रही सरकार : डिप्टी सीएम साव
रायपुर निकाय और पंचायत चुनाव पर डिप्टी सीएम अरुण साव का बड़ा बयान सामने आया है. जिसमें उन्होंने निकाय और पंचायत चुनाव की घोषणा पर कहा कि, पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण की प्रक्रिया होनी है. मैं उम्मीद करता हूं,आरक्षण की प्रक्रिया के तुरंत बाद चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा होगी. सरकार की अपनी तैयारी पूरी है, हम भी चाहते हैं जल्द से जल्द नगरीय निकाय पंचायत के चुनाव हो, सरकार इस दिशा में गंभीरता से प्रयास कर रही है.