भोपाल : मध्यप्रदेश में कांग्रेस सौरव शर्मा मामले में लगातार बीजेपी के नेताओं और मंत्रियों के हाथ होने का दावा कर रही है। सौरव शर्मा मामले का खुलासा होने के बाद कांग्रेस केस के तार मंत्री गोविंद राजपूत से जोड़ रही है। इसी कड़ी में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मंत्री गोविंद राजपूत की काली कमाई का खुलासा करते हुए कहा कि मंत्री गोविंद राजपूत ने 2019 से 2024 तक कई जमीनें खरीदी, जिनका बाजार मूल्य 400 करोड़ रुपए है..ये पैसा कहा से आया। .. .
गोविंद राजपूत के अनुसार उनके पास सिर्फ 53 हेक्टेयर जमीन
मंत्री गोविंद राजपूत ने अपने परिवार पत्नी और बच्चों के नाम पर 150 एकड़ जमीन खरीदी। जिनकी कीमत आज 400 करोड़ रुपए है। राजपूत ने अपने रिश्तेदारों के नाम पर भी 200 करोड़ की जमीन खरीदी। जमीनें खरीदने के लिए स्टांप ड्यूटी की भी चोरी की गई। आज में सबकी रजिस्ट्रियां उपलब्ध करा रहा हूं। गोविंद राजपूत ने अपने शपथ पत्र में भी 53 हेक्टेयर जमीन की जानकारी नहीं दी। इसके अलावा भी काली कमाई को समिति के नाम पर सफेद किया गया। इतना ही नहीं समिति में अपने ही परिवार को सदस्य बनाया क्या ?? जिस समिति में पत्नी को अध्यक्ष और बेटे को सचिव बनाया उसी के जरिए काली कमाई को सफेद किया जा रहा है। अपनी ही कंपनियों से पैसा समिति को दिया, अपने ही रिश्तेदारों को दान करवा दिया।
12- 15 करोड़ का फ्लोर खरीदा गया
उमंग सिंघार ने आगे कहा कि गोविंद राजपूत ने दिल्ली में संजय श्रीवास्तव और उनकी पत्नी के नाम पर फ्लोर खरीदा, जिसकी कीमत 12 करोड़ है। राजपूत के खास संजय dande के नाम पर भी 15 करोड़ का फ्लोर खरीदा गया, तुमराम के नाम पर भी फ्लोर खरीदा गया। एक केंद्रीय मंत्री को भी हर महीने 2 करोड़ रुपए भेजे जा रहे थे.. इसका खुलासा भी करेंगे।
Mp में घोटाले पर घोटाले हो रहे
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए बीजेपी सरकार पर निशना साधते हुए कहा कि पीएम मोदी जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं, भोपाल आने वाले हैं..Mp में घोटाले पर घोटाले हो रहे है जिस पर सरकार जबाव नहीं देती। सरकार भ्रष्टाचार के मामले में सरकार अधिकारियों और मंत्रियों को बचाना चाहती है। सौरभ शर्मा मामले में जांच के नाम पर लीपापोती की जा रही है। सौरभ शर्मा की डायरी में जिनके नाम है उनसे पूछताछ क्यों नहीं की जा रही है। Cm यादव इस मामले में हाथ डालने से क्यों डर रहे हैं।
हर साल 1500 करोड़ रुपए की अवैध वसूली की जा रही
19 दिसंबर को लोकायुक्त ने छापा मारा था, 41 दिन बाद गिरफ्तारी हुई। इतने दिनों तक कहां रहा कोई खुलासा नहीं किया जा रहा है। मंत्री गोविंद राजपूत ने पूरा रैकेट संभाला था। गोविंद राजपूत के osd संजय श्रीवास्तव, अलीम खान, समेत अन्य ठेका वसूली करते थे। डायरी में टीसी का मतलब ट्रांसपोर्ट कमिश्नर और टी एम का मतलब ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर से है। भ्रष्टाचार की काली कमाई से जमीनें खरीदी गई। तमाम परिवहन विभाग के आरक्षक वसूली का काम करते थे, उनके नाम भी सामने हैं। हर साल 1500 करोड़ रुपए की अवैध वसूली की जा रही थी...
सरकार भूपेंद्र सिंह ओर गोविंद राजपूत को बचाना चाहती है
सौरभ शर्मा का एक सहयोगी अजय रावत भी चेकपोस्ट पर अवैध वसूली करता था। इन लोगों को क्यों नहीं गिरफ्तार करके पूछताछ नहीं की जा रही है। हवाला का काम करने वाले लोकेश शिवदासन के साथ भी संजय श्रीवास्तव और उनकी पत्नी का गठजोड़ था। प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामले में कांग्रेस विधायक दल पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे। प्रदेश में निवेश भी तब ही आयेगा जब भ्रष्टाचार खत्म होगा। सौरभ शर्मा के नाम पर ये केस बंद नहीं हो सकता, उसके तार ऊपर तक जुड़े हैं। सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि भूपेंद्र सिंह ओर गोविंद राजपूत को क्यों बचाना चाहती है...सरकार अगर सही तरीके से जांच नहीं कराएगी तो सौरभ शर्मा मामले की न्यायिक जांच के लिए कोर्ट जायेंगे। क्या इस मामले में निष्पक्ष जांच के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी पत्र लिखना चाहिए।