भोपाल : मध्यप्रदेश में विधानसभा सत्र की शुरुआत 10 मार्च से होने जा रही है। सत्र में जहां इस बार 9 बैठके होने जा रही है। तो वही कार्यवाही से पहले ही प्रदेश में सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस जहां एक तरफ कार्यवाही के समय अवधि को बढ़ाने की मांग कर रही है। तो वही दूसरी तरफ नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कार्यवाही को लाइव टेलीकास्ट करने की मांग की है। उमंग का कहना है कि कार्यवाही के दौरान अगर विपक्ष कुछ कहता है तो कैमरों में उन्हें नहीं दिखाया जाता है। जिसकी वजह से कांग्रेस की छवी पर प्रभाव पड़ता है।
लोगों को पता होना चाहिए जनप्रतिनिधि क्या बोल रहे
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का कहना है कि सदन के अंदर जनता के चुने गए जनप्रतिनिधि क्या बोल रहे हैं और उनकी आवाज उठा रहे हैं या नहीं यह जानना सबका अधिकार है, लेकिन मध्य प्रदेश में विधानसभा की लाइव कार्यवाही नहीं होती। जिसकी वजह से लोग दूसरे पक्ष को जानने से अंजान रह जाते है। इसलिए विधानसभा में होने वाली बहस का लाइव टेलीकास्ट होना चाहिए, लेकिन भाजपा सरकार ऐसा नहीं करना चाहती।
कांग्रेस हाईकोर्ट में लगाएगी याचिका
ऐसे में कांग्रेस के नेता विधानसभा की लाइव स्ट्रीमिंग को लेकर कोर्ट जानें की तैयारी कर रहे है। पूर्व मंत्री और कसरावद विधायक सचिन यादव और सरदारपुर विधायक प्रताप ग्रेवाल की तरफ से लाइव स्ट्रीमिंग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई जाएगी। बता दें कि विधानसभा सत्र की Live Streaming फ़िलहाल यूपी, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में की जा रही है। ऐसे में कांग्रेस के नेता मध्य प्रदेश में भी कार्यवाही को लाइव टेलीकॉस्ट दिखाने की मांग कर रहे है। इसके साथ ही प्रदेश में ई-विधान की कार्यवाही करने की भी तैयारी की जा रही है। बता दें कि ई-विधान की कार्यवाही गुजरात, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में की जा रही है।