भोपाल : मध्यप्रदेश के सीएम मोहन द्वारा प्रदेश में शराब बंदी करने के फैसले से जहां एक तरफ लोगों में ख़ुशी की लहर है। तो वही दूसरी तरफ सीएम के इस फैसले से प्रदेश में सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बीजेपी पर तंज कस्ते हुए कहा कि शहर के नाके के बाहर शराब की दुकानें खोली जाएगी। ये शराबबंदी कहाँ हुई ? शराबबंदी करनी है तो जिले में ही क्यों पूरे प्रदेश में करनी चाहिए।
पूरे जिले में होना चाहिए शराब बंदी - उमंग सिंघार
उमंग ने आगे कहा कि धार्मिक स्थलों के साथ पूरे प्रदेश में शराबबंदी होनी चाहिए। पहले भी भाजपा सरकार ने नर्मदा किनारे की जगहों पर शराबबंदी की बात की थी। लेकिन 100-200 मीटर पर दुकानें खुल जाती हैं। अब उज्जैन में नाके के बाहर ही खुल जाएगी शराब दुकान। उमंग सिंघार ने आगे कहा कि अगर शराबबंदी करना ही है, तो धार्मिक शहरों के साथ साथ पूरे जिले में होना चाहिए।
17 जगहों में की गई शराबबंदी
बता दें कि सीएम मोहन ने हाल ही में शराब बंदी की घोषणा करते हुए कहा था कि शराब से परिवार के परिवार बराबद हो जाते हैं. यह बहुत बड़ा कष्ट है. हमने संकल्प लिया है हमारी सरकार के माध्यम से 17 अलग-अलग धार्मिक नगरियों में शराबबंदी की जाएगी।
MP की इन 17 जगहों पर होगी शराबबंदी
- उज्जैन (महाकालेश्वर मंदिर)
- अमरकंटक (नर्मदा उद्गम स्थल, नर्मदा मंदिर)
- महेश्वर (पर्यटन नगरी, नर्मदा किनारे कई प्राचीन मंदिर)
- ओंकारेश्वर (12 ज्योर्तिलिंगों में से एक भगवान ममलेश्वर का मंदिर)
- ओरछा (भगवान रामराजा सरकार की नगरी)
- मंडला (नर्मदा के प्रसिद्ध घाट, भक्तों की भीड़ लगती है.)
- मुलताई ( प्रसिद्ध धार्मिक ताप्ती नदी का उद्गम स्थल)
- जबलपुर (नर्मदा के किनारे बसा शहर, भेड़ाघाट)
- दतिया (प्रसिद्ध पीतांबरा माई का मंदिर)
- नलखेड़ा (मां बगुलामुखी माता का प्रसिद्ध मंदिर)
- चित्रकूट (धार्मिक नगरी, भगवान राम ने वनवास का समय यहा बिताया था.)
- सलकनपुर (प्रसिद्ध देवी मंदिर)
- मैहर (मां शारदा का प्रसिद्ध मंदिर)
- मंदसौर ( भगवान पशुपतिनाथ का प्रसिद्ध मंदिर)
- बरमान घाट और मंडेलश्वर ( दोनों ही मां नर्मदा के प्रसिद्ध घाट हैं.)
- पन्ना (जुगलकिशोर भगवान का प्राचीन मंदिर)
- सांची को भी इसमे शामिल किया जा सकता है, क्योंकि यह बेहद प्राचीन जगह है.