भोपाल। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने एनएसयूआई की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए प्रदेश में संचालित फर्जी निजी विश्वविद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई के लिए निर्देश जारी किए हैं। यूजीसी ने मध्यप्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को इस संबंध में पत्र लिखा है। इस पत्र में यूजीसी ने स्पष्ट किया है कि फर्जी विश्वविद्यालयों पर कार्रवाई का अधिकार राज्य सरकार के पास है।
यह दिए निर्देश
यूजीसी ने अपने पत्र में एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार द्वारा दिए गए शिकायत पत्र का उल्लेख करते हुए कहा है कि राज्य में शिक्षा माफिया द्वारा संचालित फर्जी निजी विश्वविद्यालय, यूजीसी के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। यूजीसी ने निर्देश दिया है कि राज्य सरकार इन विश्वविद्यालयों की जांच करे और उपयुक्त कार्रवाई के बाद पूरे मामले पर अपनी टिप्पणी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को भेजे।
क्या लिखा गया है शिकायत में
रवि परमार ने शिकायती पत्र में आरोप लगाया है कि 1.70 प्रतिशत निजी विश्वविद्यालय फर्जी हैं। राज्य के 70 प्रतिशत से अधिक निजी विश्वविद्यालय केवल कागजों पर संचालित हो रहे हैं। इन विश्वविद्यालयों में न तो नियमानुसार स्टाफ है और न ही मानक भवन।
कई विश्वविद्यालयों में अयोग्य कुलपति
हाल ही में मध्यप्रदेश निजी विवि विनियामक आयोग ने 32 विवि को नोटिस जारी कर 15 दिनों में योग्य कुलपति नियुक्त करने के निर्देश दिए थे। कई विवि फर्जी पते पर संचालित होने और कुछ विवि डिग्री बेचने का गोरखधंधा करने और छात्रों को सत्र में सालभर दाखिले दिए जाने की शिकायत की थी।
क्या है एनएसयूआई की मांग
रवि परमार ने कहा कि मध्यप्रदेश में संचालित सभी निजी विवि की गहन जांच की जाए। फर्जी विवि छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। हम राज्य सरकार और यूजीसी से आग्रह करते हैं कि इस मामले में सख्त कदम उठाए जाएं और दोषी संस्थानों को बंद किया जाए।