Sharadiya Navratri 2024: आज नवरात्रि का दूसरा दिन है. इस दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। मां ब्रह्मचारिणी देवी दुर्गा का दूसरा स्वरूप मानी जाती है। वहीं तप और साधना में लीन रहने की वजह से ही उनका नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा है. मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप साध्वी और तपस्विनी है। उनका शरीर सफेद वस्त्रों में लिपटा होता है और वे कमल के फूल धारण करती हैं।मां के हाथों में जप माला और त्रिशूल होता है, जो उनकी तपस्या और शक्तियों का प्रतीक है। मां ब्रह्मचारिणी का रंग स्वरूप मुख्यत सफेद और पीला माना जाता है। सफेद रंग ज्ञान, शुद्धता और तप का प्रतीक है।
पूजा विधि और स्थान की तैयारी:
पूजा के लिए एक स्वच्छ स्थान का चयन करें और वहां एक चटाई बिछाएं।पूजा से पहले स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें।मूर्ति की स्थापना करते समय माता की प्रतिमा या चित्र को एक चौकी पर रखें। इसके साथ ही जल, दूध, दही, शहद आदि से उनका अभिषेक कर स्नान कराएं। मां ब्रह्मचारिणी को भोग में विशेष कर फल, मिठाई और अन्य प्रिय वस्तुएंअर्पित करें। इसके साथ ही उनके मंत्र "ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः" का जाप करें और दीप जलाकर मां की आरती करें।
मां ब्रह्मचा
फल: जैसे केला, सेब, आम, और अन्य मौसमी फल।
मिठाइयां: जैसे खीर, लड्डू, और हलवा। दूध और दही का भी भोग अर्पित किया जा सकता है।
विशेष ध्यान: नवरात्रि के दौरान उपवास रखना देवी की कृपा को आकर्षित करता है।ध्यान और श्रद्धा के साथ पूजा करें।
इन सभी विधियों और तत्वों का पालन करके आप मां ब्रह्मचारिणी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। inh 24x7 न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता है।