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Pachmarhi Sampada Samaroh : पचमढ़ी में आयोजित तीन दिवसीय संपदा समारोह

Pachmarhi Sampada Samaroh : पचमढ़ी में आयोजित तीन दिवसीय संपदा समारोह

Pachmarhi Sampada Samaroh : पारम्परिक कलाओं का समारोह सम्पदा का आयोजन 21 से 23 मार्च 2025 सायं 6.30 बजे से ओल्ड होटल ग्राउण्ड- पचमढ़ी (नर्मदापुरम्) में आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम में 21 मार्च 2025 को मध्यप्रदेश के बैगा, गोण्ड, कोरकू और भील, गुजरात की राठ और महाराष्ट्र की धनगर जनजातियों के नृत्य के साथ निषादराज गुह्यः लीला नाट्य एवं प्रदर्शनी का संयोजन किया गया है। 

इस प्रस्तुति का निर्देशन राकेश वरवड़े, बैतूल द्वारा किया गया है। समारोह में भक्तिमति शबरी, निषादराज गुह्य एवं वीरांगना रानी दुर्गावती के जीवन ओर अवदान केंद्रित प्रदर्शनी का संयोजन किया गया है। समारोह का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन एवं कलाकारों के स्वागत से किया गया। इस दौरान निदेशक, जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी डॉ. धर्मेंद्र पारे एवं सीईओ, साडा पचमढ़ी उपस्थित रहे। 

गतिविधि में सर्वप्रथम कैलाश सिसोदिया धार द्वारा भील जनजातीय भगोरिया नृत्य की प्रस्तुति दी गई। मध्यप्रदेश के झाबुआ और अलीराजपुर क्षेत्र में निवास करने वाली भील जनजाति का भगोरिया नृत्य, भगोरिया हाट में होली तथा अन्य अवसरों पर भील युवक-युवतियों द्वारा किया जाता है। फागुन के मौसम में होली से पूर्व भगोरिया हाटों का आयोजन होता है।  भगोरिया नृत्य में विविध पदचाप समूहन पाली, चक्रीपाली तथा पिरामिड नृत्य मुद्राएं आकर्षण की केन्द्र होती हैं। रंग-बिरंगी वेशभूषा में सजी-धजी युवतियों का श्रृंगार और हाथ में तीरकमान लिये नाचना ठेठ पारम्परिक व अलौकिक सरंचना है।

गोपाल कोरकू एवं साथी, हरदा द्वारा कोरकू जनजातीय गदली-थापटी नृत्य की प्रस्तुति दी। कोरकू नृत्य की वेशभूषा अत्यधिक सादगीयुक्त और सुरूचिपूर्ण होती है।  विजय बंदेवार एवं साथी, छिंदवाड़ा द्वारा गोण्ड जनजातीय गेड़ी नृत्य की प्रस्तुति दी गई। गोण्ड जनजाति में गेड़ी नृत्य जिसे मुरिया जनजाति में डिटोंग पाटा्य कहते हैं। लकड़ी की गेड़ी पर किया जाता है। इसमें केवल नृत्य होता है गीत नहीं गाये जाते। गेड़ी नृत्य अत्यधिक गतिशील नृत्य है। डिटोंग गेड़ी नृत्य कलारूप के नजरिये से घोटुल का प्रमुख नृत्य है। साथ ही पारंपरिक वेशभूषा और वाद्ययंत्र की ताल पर नृत्य किया जाता है।

वहीं पद्मश्री अर्जुन सिंह धुर्वे द्वारा बैगा जनजातीय नृत्य घोड़ी पैठाई/परघौनी नृत्य की प्रस्तुति दी गई। बैगा समुदाय के द्वारा विभिन्न अवसरों पर करमा, दशहरा, बिलमा, परघौनी, घोड़ी पैठाई जैसे नृत्य किये जाते हैं। दशहरे के अवसर पर विशेष रूप से घोड़ी पैठाई नृत्य किया जाता है। ‘परघौनी नृत्य’ विवाह के अवसर पर बारात की अगवानी के समय किया जाता है। इसी अवसर पर वर पक्ष की ओर से आँगन में हाथी बनाकर नचाया जाता है,जो यह संकेत करता है कि इसमें प्रसन्नता की अभिव्यक्ति ही मुख्य ध्येय है, लालित्य की चेष्ठा गौण।

प्रस्तुति के अगले क्रम में बनसिंह भाई राठवा एवं साथी, गुजरात द्वारा राठ नृत्य की प्रस्तुति दी। राठवा गुजरात की एक प्रमुख जनजाति है। मध्यप्रदेश की सीमा से लगे गुजरात क्षेत्र में राठवा बहुतायत से निवास करते हैं। राठवा मुख्यतः मध्यप्रदेश में भील जनजाति की उपजाति है। गुजरात में भी भील एवं राठवा जनजाति निवास करती हैं। राठवा जनजाति में विभिन्न पर्व-त्योहारों, अनुष्ठानों एवं अन्य खुशियों के अवसरों पर नृत्य की समृद्ध परम्परा है। राठवा जनजाति का नृत्य भील जनजाति नृत्य से ज्यादा पृथक तो नहीं है, परन्तु राठवा जनजाति के नृत्य में गति अधिक है। लय एवं ताल के समन्वय में भी गुजरात क छवि को महसूस किया जा सकता है। समारोह में महाराष्ट्र के कलाकारों द्वारा धनगरीगजा नृत्य की प्रस्तुति दी गई। 

प्रथम दिन की समापन प्रस्तुति लीला नाट्य निषादराज गुह्य की रही, जिसमें  बताया कि भगवान राम ने वन यात्रा में निषादराज से भेंट की। भगवान राम से निषाद अपने राज्य जाने के लिए कहते हैं लेकिन भगवान राम वनवास में 14 वर्ष बिताने की बात कहकर राज्य जाने से मना कर देते हैं। आगे के दृश्य गंगा तट पर भगवान राम केवट से गंगा पार पहुंचाने का आग्रह करते हैं लेकिन केवट बिना पांव पखारे उन्हें नाव पर बैठाने से इंकार कर देता है। केवट की प्रेम वाणी सुन, आज्ञा पाकर गंगाजल से केवट पांव पखारते हैं। नदी पार उतारने पर केवट राम से उतराई लेने से इंकार कर देते हैं। कहते हैं कि हे प्रभु हम एक जात के हैं मैं गंगा पार कराता हूं और आप भवसागर से पार कराते हैं इसलिए उतरवाई नहीं लूंगा। लीला के अगले दृश्यों में भगवान राम चित्रकूट होते हुए पंचवटी पहुंचते हैं। सूत्रधार के माध्यम से कथा आगे बढ़ती है। रावण वध के बाद श्री राम अयोध्या लौटते हैं और उनका राज्याभिषेक होता है। लीला नाट्य में श्री राम और वनवासियों के परस्पर सम्बन्ध को उजागर किया गया।


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