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शरद पूर्णिमा में प्राचीन मंदिरों में होगा विशेष श्रृंगार, चांद की रोशनी में रखा जाएगा भोग का प्रसाद....

शरद पूर्णिमा में प्राचीन मंदिरों में होगा विशेष श्रृंगार, चांद की रोशनी में रखा जाएगा भोग का प्रसाद....

Sharad Purnima: आज ध्रुवयोग और राजयोग के संयोग से आश्विन शुक्ल पक्ष में शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है. इस दिन चांदी के पात्र में ठाकुरजी को भोग लगाया जाता है. शरदोत्सव के तहत मंदिरों में भगवान के समक्ष खीर का भोग लगाया जाता है, और भक्तों में वितरण किया जाता है. इसके साथ ही मंदिरों में ठाकुर जी का सफेद पुष्पों और धवल पोशाक से श्रृंगार किया जाता है.

प्राचीन मंदिरों में होगा विशेष श्रृंगार:
 
पंचांग के अनुसार पूर्णिमा तिथि की शुरुआत आज आश्विन माह के रात्रि लगभग 08: 40 बजे शुरू हो जाएगी. वहीं इसके अगले दिन यानि 17 अक्टूबर को इस तिथि को शाम 04: 55 बजे इसका समापन होगा. इस दिन शाम 05:05 बजे चंद्रोदय होगा. वहीं लगभग 30 किलो दूध से महामाया मंदिर में दूध से रबड़ी व खीर बनाई जाएगी.जिसके बाद माता का 11 बजे विशेष श्रृंगार होगा, और 12 बजे के करीब महाआरती की जाएगी. माता को भोग लगाने के बाद भक्तों को प्रसाद वितरित किया जाएगा. इसक साथ ही प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में  भी इस दौरान खीर बनाई जाएगी.


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